पुणे। मुठा नदी पात्र (किनारे) में लगातार बढ़ते अतिक्रमणों से नदी की वहन क्षमता घटती जा रही है और शहर को बाढ़ का गंभीर खतरा बढ़ रहा है। इसी बीच गणेशोत्सव की धामधूम और छुट्टियों के माहौल का फायदा उठाते हुए कुछ लोगों ने रातोंरात नदीपात्र (किनारे) की जमीन पर कब्जा जमाने का नया खेल शुरू कर दिया है। नीली चादरें (टीन पत्रे) लगाकर जगह पर अपना अधिकार जताने की सनसनीखेज घटना सामने आई है।
काँग्रेस के राज्य प्रवक्ता व पूर्व नगरसेवक गोपालदादा तिवारी ने पुणे मनपा प्रशासन पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि पहले दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर मनपा ने भले ही अतिक्रमण हटाए हों, लेकिन उन्हीं राडारोडों (मलबे) को नदीपात्र में भरकर खाजगी ( निजी) वाडों की हद बढ़ाई जा रही है। बिल्डरों को लाभ पहुंचाने के इस “गुप्त अर्थकारण” का उन्होंने ठोस सबूतों के साथ पर्दाफाश किया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस मुद्दे को उठाने पर उन पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।
तिवारी ने याद दिलाया कि लकड़ी पुल से भिड़े पुल क्षेत्र तक, नारायण पेठ के वाडों के किनारे मनपा ने उनकी नगरसेवक कार्यकाल में लाखों रुपए खर्च कर दगडी भिंत का बांधकाम किया था। बावजूद इसके, हाल ही में हटाए गए अतिक्रमण के मलबे का भराव करके कुछ निजी संपत्तियों की सीमा नदीपात्र की ओर बढ़ाई जा रही है।
इस गंभीर धांधली पर तुरंत अंकुश लगाने के लिए पाटबंधारे विभाग और पुणे मनपा प्रशासन से तात्कालिक कार्रवाई की माँग तिवारी ने की है।