कोरोना से ससून अस्पताल में लगातार हो रही मौतों का मामला!
पुणे भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो रिपोर्ट : पुणे महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध शासकीय बीजे मेडिकल कॉलेज और गरीबों के अस्पताल के रूप में सुपरिचित ससून अस्पताल के अधिष्ठाता डॉ अजय चंदन वाला को 16 अप्रैल की देर शाम अधिष्ठाता पद से अचानक हटा दिया गया और उनके स्थान पर बीजे मेडिकल कॉलेज के उप अधिष्ठाता डॉक्टर मुरलीधर तांबे को बीजे मेडिकल कॉलेज का अधिष्ठाता नियुक्त किया गया. यह कार्रवाई राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई है.
डॉ अजय चंदन वाला को ससून के अधिष्ठाता पद से हटाते हुए उन्हें तत्काल चिकित्सकीय शिक्षण व संशोधन विभाग के संयुक्त निदेशक पद का पदभार संभालने को कहा गया है. यह आदेश चिकित्सा शिक्षण वा औषधि द्रव्य विभाग के संयुक्त सचिव शिवाजी पाटणकर ने जारी किया है.
आपको बता दें कि अभी हाल में ही ससून अस्पताल की एक नई 11 मंजिली इमारत का उद्घाटन कोविद 19 अस्पताल के रूप में किया गया. इसके पहले ससून अस्पताल के 27 व 28 नंबर वार्ड में कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार विगत 31 मार्च से किया जा रहा था.
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों के मामले में पुणे पहले स्थान पर है. पिछले कुछ दिनों से ससून अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु दर अचानक तेजी से बढ़ गई. पिछले 16 दिनों में ससून अस्पताल में 38 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है. ऐसा माना जा रहा है कि बीजे मेडिकल कॉलेज और ससून के अधिष्ठाता होने के नाते ससून में बढ़ती मृत्यु दर को रोकने में डॉ अजय चंदन वाला को असफल मानते हुए राज्य सरकार ने उन्हें पद से हटा दिया है.
यहां इस बात को भी ध्यान में रखना होगा कि डॉ अजय चंदन वाला के खिलाफ कुछ राजनेताओं ने राज्य सरकार से यह शिकायत की थी कि डॉ चंदन वाला की लापरवाही की वजह से ही ससून में कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार मौत हो रही है. दौरान कोरोना संक्रमण से बढ़ती मृत्यु दर का अध्ययन करने के लिए राज्य सरकार ने चिकित्सकों की एक टास्क फोर्स भी बना दी है.
अब देखना यह है कि ससून के नए अधिष्ठाता डॉक्टर मुरलीधर तांबे के नेतृत्व में ससून अस्पताल में कोरोना रोगियों की मृत्यु दर घटती भी है या नहीं.