कविता गाडगीळ, जो दिवंगत विंग कमांडर अनिल गाडगीळ की पत्नी और शहीद फ्लाइट लेफ्टनंट अभिजीत गाडगीळ की माता हैं, उन्होंने कहा, “राजीव गांधी स्वयं एक वैमानिक थे, लेकिन एक प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने देश को नए पंख दिए। नेहरू-गांधी परिवार को गाली देने वाले उनके योगदान को नहीं समझ सकते। असली वारसों को नारेबाजी की जरूरत नहीं होती।”
उन्होंने आगे कहा कि 80 के दशक में राजीव गांधी द्वारा शुरू किए गए संगणकीकरण अभियान ने भारत को आईटी क्षेत्र में अग्रणी बनाया, जिसके चलते Y2K संकट के समय भारत के युवाओं ने दुनिया को समाधान दिया। उन्होंने पंजाब और असम जैसे राज्यों में बिना युद्ध के शांति स्थापित की, जो आज भी कायम है।
सोनिया गांधी के बारे में बोलते हुए कविता गाडगीळ ने कहा, “पति के निधन के बाद उन्होंने न केवल अपने बच्चों की जिम्मेदारी उठाई, बल्कि राजीव गांधी के अधूरे सपनों, कर्तव्यों और उत्तरदायित्वों को भी अपनाया। उनके जीवन में मुझे पुराणों की वीर स्त्रियों जैसा धैर्य और आदर्श पतिव्रता का स्वरूप दिखाई देता है।”
इस कार्यक्रम का आयोजन राजीव गांधी स्मारक समिति के संस्थापक अध्यक्ष गोपालदादा तिवारी ने किया। उन्होंने अपने प्रस्ताविक भाषण में कहा कि कविता गाडगीळ जैसी वीर माता का कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में आना हम सभी के लिए गौरव की बात है।
समारोह में वरिष्ठ सदस्य राजीव जगताप व आबासाहेब तरवडे द्वारा कविता गाडगीळ को तुलसी का पौधा और शॉल देकर सम्मानित किया गया। समिति के अन्य प्रमुख सदस्य सुर्यकांत (नाना) मारणे, वरिष्ठ पत्रकार अविनाश गोडबोले, भोलावांजळे, विद्यार्थी संघ के भूषण रानभरे, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रमेश सोनकांबळे, एड. फैयाज शेख, एड. श्रीकांत पाटिल, संजय अभंग, सुभाष जेधे, हरीभाऊ चिकणे, पै. शंकर शिर्के, नरसिंह अंदोली, राजेश सुतार, एड. स्वप्नील जगताप, विवेक भरगुडे और आशिष गुंजाळ भी उपस्थित थे। आभार प्रदर्शन भोला वांजळे ने किया।
इसी अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं सह प्रभारी बी. संदीप, विधायक दीप्ती चवघरी और रफीक शेख ने भी स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी।