रामनवमी : मर्यादा, प्रकाश और राम नाम की महिमा
राम के बारे में बोलना यानी गागर में सागर भरना है — कठिन ही नहीं, नामुमकिन है। लेकिन आचमन तो किया जा सकता है।

रामनवमी का पर्व भारतवर्ष में श्रद्धा, आस्था और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन चैत्र नवरात्रि की समाप्ति का सूचक होता है और शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन प्रभु श्रीराम का जन्म अयोध्या में राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था। भक्तजन इस पावन तिथि पर पुण्य प्राप्ति हेतु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।

राम का प्रतीकात्मक जन्म:

राम का जन्म एक प्रतीक है। दशरथ का अर्थ है – दस रथों वाला, यानी हमारे शरीर की दस इंद्रियाँ – पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ और पाँच कर्मेन्द्रियाँ। कौशल्या का अर्थ है – कुशलता। अयोध्या वह स्थान है जिसे जीता नहीं जा सकता – अर्थात् हमारा यह शरीर। जब ये सारी इंद्रियाँ भीतर की ओर मुड़ती हैं और कुशलता से नियंत्रित होती हैं, तभी हमारे भीतर भगवान राम का जन्म होता है।

वाल्या डाकू के जीवन में राम जागे और वे महर्षि वाल्मीकि बन गए। उन्होंने रामायण की रचना की, जिससे असंख्य लोगों का जीवन उज्ज्वल हुआ। यह राम कथा आज भी अनगिनत लोगों का मार्गदर्शन कर रही है।

राम – एक आदर्श व्यक्तित्व:

राम केवल एक नाम नहीं, एक आदर्श हैं —

राम यानी पराक्रमी आत्मविश्वास

राम यानी मार्गदर्शक

राम यानी अलौकिक प्रतिभा

राम यानी आदर्श पुत्र, भ्राता, मित्र, राजा, शत्रु और तपस्वी


राम का जीवन संयम, मर्यादा और कर्तव्य का अनुपम उदाहरण है। वे "मर्यादा पुरुषोत्तम" इसीलिए कहे गए, क्योंकि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उन्होंने मर्यादा का पालन किया।

राम नाम – एक अमोघ औषधि:

शिवजी ने एक करोड़ श्लोकों में रामकथा का वर्णन किया, और उमा व हनुमान रोज उसे सुनते थे। एक श्लोक का 32 अक्षरों में विभाजन कर शिवजी ने हर किसी को 10-10 अक्षर दिए, दो अक्षर "राम" अपने पास रखे — यह दर्शाता है कि राम को हृदय में बसाना चाहिए।

एक सत्य प्रेरक प्रसंग:
अहमदाबाद के संत पुनीत महाराज को जब असाध्य रोग हुआ और चिकित्सा विफल हो गई, तब उन्होंने राम नाम की औषधि को अपनाया। सतत जप – “श्रीराम जय राम जय जय राम” – उनके जीवन में संजीवनी बन गया। वे न केवल स्वयं तंदुरुस्त रहे बल्कि अनेक लोगों को यह राम रसायन पिलाते रहे।

जीवन का सार:

> "कीमत पानी की नहीं, प्यास की है।
कीमत मृत्यु की नहीं, श्वास की है।
संबंध तो बहुत हैं जीवन में,
लेकिन कीमत संबंध की नहीं,
उस पर रखे श्रद्धा और विश्वास की है।"



अंत में संकल्प:

रामनवमी के इस पावन अवसर पर आइए हम सभी संकल्प लें कि राम को अपने जीवन में लाने का प्रामाणिक प्रयास करेंगे। भगवान हमें वह शक्ति और भक्ति दें, जिससे हमारा जीवन भी राममय हो जाए।

रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
- नरेंद्र गिरधरलाल वाणी
मो.: 7387081951

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