संतों के महाराष्ट्र में, संत संस्कारों की नींव को मजबूत करने की जरूरत: गोपालदादा तिवारी
पुणे: महाराष्ट्र में हाल ही में बीड, परभणी, बदलापुर और ठाणे जैसी जगहों पर हुई घटनाएं मानवता को शर्मसार करने वाली और राज्य की देशभर में बदनामी करने वाली हैं। इन घटनाओं की पृष्ठभूमि में, कांग्रेस प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में राज्य के सामाजिक जीवन में संत संस्कारों और नैतिक मूल्यों की नींव को और मजबूत करना समय की आवश्यकता है।

खडकी में आयोजित 'कीर्तन महोत्सव' में विचार-विमर्श

खडकी स्थित एम्युनेशन फैक्ट्री एवं संलग्न संस्थानों द्वारा आयोजित 'कीर्तन महोत्सव' के समापन अवसर पर तिवारी ने अपने विचार प्रस्तुत किए। इस दौरान प्रमुख कीर्तनकार ह.भ.प. संतोष महाराज पायगुडे, आयोजन समिति के अध्यक्ष ह.भ.प. ज्ञानेश्वर पंढरीनाथ वांजळे, वरिष्ठ पत्रकार दीपक जाधव, और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

इस अवसर पर गोपालदादा तिवारी ने कहा, "महाराष्ट्र में लगातार हो रही अमानवीय घटनाओं से राज्य की छवि धूमिल हो रही है। ऐसे में छत्रपति शिवाजी महाराज और संतों की भूमि में नैतिकता और मूल्यों का पतन चिंता का विषय है।" उन्होंने संत तुकाराम महाराज का उल्लेख करते हुए कहा:

"मऊ मेणाहुनी आम्ही विष्णुदास। कठीण वज्रास भेदूं ऐसे।
भले तरी देऊ कासेची लंगोटी। नाठाळाचे माथी हाणू काठी।"

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि संतों की शिक्षा सत्य, न्याय, नैतिकता और निर्भयता पर आधारित है, और समाज में इन्हीं मूल्यों को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने वारकरी संप्रदाय से आह्वान किया कि वे सज्जनों का प्रभाव बढ़ाने के लिए संत आंदोलन को और तीव्र करें।
पुणे का गौरवशाली इतिहास

समापन समारोह के दौरान ह.भ.प. संतोष महाराज पायगुडे ने पुणे की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक महिमा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “पुणे को भारत भूषण कहा जाता है, जहां पहला अभंग लिखा गया, ज्ञानेश्वरी की रचना हुई, और देश का पहला आयुध कारखाना स्थापित किया गया।”

इस अवसर पर सामूहिक अभंग गायन के साथ-साथ देशभक्ति गीत “जहां सत्य, अहिंसा और धर्म का पग-पग लगता डेरा, वो भारत देश है मेरा” का भी सामूहिक गायन किया गया।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

कीर्तन महोत्सव के उद्घाटन के दौरान एम्युनेशन फैक्ट्री के मुख्य महाप्रबंधक संजय हजारी, वरिष्ठ अधिकारी दीपक महाजन, और विजय कुटील प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इसके अलावा, पहलवान माणिक ढोले, सामाजिक कार्यकर्ता संतोष देशमुख, और दगडूशेठ हलवाई गणपति ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील रासने एवं कोषाध्यक्ष महेश सूर्यवंशी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

इस आयोजन में पुणे के विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों की भागीदारी रही और सभी ने एक स्वर में महाराष्ट्र में संतों की शिक्षा के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर बल दिया।

 देशातील टिकवूनी शांतता, 
विकास घडवू.. प्रगतीचा..!
देशाची टिकवुनी एकात्मता, 
समता, बंधुता व समानता
करी आदर जो तयांचा..!
रक्षण करी लोकहिताचे, राष्ट्रीय संपत्तीचे,  
व संविधानिक मुल्यांचे,
निवडू त्यास आम्ही…
हक्क आहे तो लोकशाहीचा…! 
२६ जानेवारी २०२५
‘*भारतीय प्रजासत्ताक’ चिरायू होवो*…!! 

शुभेच्छुक - 
 गोपाळ शंकरराव तिवारी
प्रवक्ता - महाराष्ट्र प्रदेश काँग्रेस कमिटी,
मा सदस्य - अ भा काँग्रेस महासमिती,
मा सभासद - पुणे महानगरपालीका, 
सल्लागार - पीएमपीएमएल कामगार संघ (इंटक)
संस्थापक - राजीव गांधी स्मारक समिती, कात्रज ऊद्यान, पुणे - सातारा रोड, पुणे


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