“गांधी, नेहरू का महत्व बनाए रखने के लिए डॉ. अंबेडकर को नजरअंदाज करने का आरोप असत्य, अतार्किक और बौद्धिक दिवालियापन का परिचायक” - कांग्रेस नेता गोपालदादा तिवारी
"चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता की मोदी सरकार द्वारा हत्या" - कांग्रेस प्रवक्ता का तीखा हमला

पुणे।  पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी का महत्व कम न हो, इसलिए कांग्रेस ने लगातार भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को नजरअंदाज किया, इस तरह के आरोप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा किए गए हैं। इस पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह आरोप “असत्य, अतार्किक और वैचारिक दिवालियापन का परिचायक” है।

उन्होंने पत्रकार परिषद में कहा, "स्वतंत्र भारत के निर्माण में महान नेताओं के योगदान पर इस प्रकार की झूठी और निराधार बातें करना शर्मनाक है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को ऐसे बयान देने से पहले अपने संवैधानिक दायित्व और पद की गरिमा का सम्मान करना चाहिए।"

तिवारी ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस ने हमेशा डॉ. अंबेडकर को उचित सम्मान दिया। उन्होंने कहा, "मुंबई से बैरिस्टर जयकर का इस्तीफा लेकर कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को संविधान सभा में भेजा और मसौदा समिति का अध्यक्ष बनाया। कांग्रेस ने हमेशा डॉ. अंबेडकर को साथ लेने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने शेड्यूल कास्ट फेडरेशन और बाद में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के माध्यम से स्वतंत्र राजनीतिक दल बनाया। ऐसे में यह कहना कि कांग्रेस ने उन्हें समर्थन नहीं दिया, पूरी तरह गलत है।"

डॉ. अंबेडकर की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराने के आरोपों को खारिज करते हुए तिवारी ने पूछा, "क्या जनसंघ ने कभी डॉ. अंबेडकर को समर्थन दिया? क्या उन्होंने उनके पक्ष में प्रचार किया?"

हिंदू कोड बिल पर नेहरू-अंबेडकर विवाद:
हिंदू कोड बिल पर डॉ. अंबेडकर के इस्तीफे का जिक्र करते हुए तिवारी ने कहा कि इस बिल को लेकर नेहरू और अंबेडकर के बीच कोई विवाद नहीं था। नेहरू ने हिंदू कोड बिल पर अंबेडकर का पूरा समर्थन किया।

चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल:
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा चुनावी प्रक्रिया से संबंधित फॉर्म 17C और CCTV फुटेज देने के आदेश के बाद, 20 दिसंबर को केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को जानकारी देने से रोकने का आदेश जारी किया। इसे "चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता की हत्या" करार देते हुए तिवारी ने कहा, "यह मोदी सरकार का तुगलकी फैसला है। कांग्रेस इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।"

उन्होंने सवाल उठाया, "जब महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता की तारीफ की, तो फिर अचानक से यह आदेश क्यों?"

कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जनता को सच्चाई बताने के लिए ही यह पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया गया है।


Comments
Popular posts
पूर्वांचल में ड्रोन उड़ानें वाले चोरों का खौफ: ग्रामीण रात भर जागकर दे रहे हैं पहरा, पुलिस की सक्रियता पर उठे सवाल
Image
धनपतगंज ब्लॉक कांग्रेस की मासिक बैठक सम्पन्न, संगठन मजबूत करने और कार्यकर्ताओं के सम्मान पर जोर
Image
पुणे में नदी किनारे की जमीन पर रातोंरात कब्जा!
Image
‘गणेशोत्सव को राज्य महोत्सव घोषित करने का जीआर अब तक क्यों नहीं?’ — कांग्रेस प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी का सवाल
Image
विकास गर्ग श्री अग्रसेन ट्रस्ट चिंचवड़ प्राधिकरण के अध्यक्ष निर्वाचित
Image