राजीव गांधी स्मारक समिति, कात्रज, पुणे द्वारा आयोजित संविधान दिवस के कार्यक्रम में बोलते हुए तिवारी ने कहा कि चुनावी समय और सत्ता के दौरान अपने कार्यों का हिसाब देने के बजाय धर्म और जाति के नाम पर ध्रुवीकरण करना संविधान विरोधी कृत्य है। चुनाव आयोग की निष्क्रियता इस स्थिति को और अधिक दुर्भाग्यपूर्ण बना देती है।
तिवारी ने कहा, "हाल ही में संपन्न राज्य चुनावों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत कामों की चर्चा अपेक्षित थी, लेकिन सत्ताधारी नेताओं ने जाति-धर्म के आधार पर ध्रुवीकरण करके सत्ता हथियाने का प्रयास किया।"
उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि 140 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाना हास्यास्पद है। यह भाजपा सरकार की सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में विफलता का प्रमाण है।
उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में सभी धर्मों का योगदान रहा है। संविधान के 'धर्मनिरपेक्षता' और 'समाजवाद' जैसे शब्दों को हटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि भारतीय संविधान की नींव स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और समानता पर आधारित है।
कार्यक्रम में प्रा. सचिन दुर्गाडे ने कहा कि भारतीय नागरिकों को संविधान के सिद्धांतों को अपनाने की जरूरत है। वहीं, एडवोकेट संतोष जाधव ने ईवीएम की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मतदान का अधिकार कहीं खो गया है। एडवोकेट संदीप ताम्हणकर ने कहा कि संविधान का प्रचार-प्रसार और जागरूकता समय की मांग है।
इस अवसर पर प्रा. सचिन दुर्गाडे, एडवोकेट संदीप ताम्हणकर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुभाषशेठ थोरवे, एडवोकेट संतोष जाधव और पार्श्वगायक अमर काले ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन भोला वांजळे ने किया और धनंजय भिलारे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
राजीव गांधी स्मारक समिति के वरिष्ठ सदस्य रामचंद्र शेडगे, मंगेश झोरे, एडवोकेट स्वप्नील जगताप, संजय अभंग, गणेश शिंदे, योगीराज नाईक और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।