पुणे । स्वतंत्र भारत को शक्तिशाली और आत्मनिर्भर बनाने में भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी का योगदान अद्वितीय है। उनके द्वारा देश की एकता और अखंडता के लिए किए गए संघर्ष और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। यह बात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने कही।
वे "राजीव गांधी स्मारक समिति, कात्रज उद्यान, पुणे" द्वारा आयोजित इंदिरा गांधी की जयंती समारोह में बोल रहे थे। इस अवसर पर गोपालदादा तिवारी ने इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "इंदिरा गांधी ने कठिन समय में साहसिक और दूरदर्शी निर्णय लिए। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत का नेतृत्व किया, जिसमें भारत को विजय मिली और बांग्लादेश का निर्माण हुआ। उनके नेतृत्व में भारत न केवल एक शक्तिशाली राष्ट्र बना बल्कि दक्षिण एशिया में अपनी प्रभावशाली उपस्थिति भी दर्ज कराई।"
उन्होंने आगे कहा, "इंदिरा गांधी ने भारत को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने का साहसिक निर्णय लिया, जिसने देश को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया। उनके कृषि नीतियों और हरित क्रांति के जरिए भारत ने खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की।"
गोपालदादा तिवारी ने आपातकाल के बाद 1980 में इंदिरा गांधी द्वारा निष्पक्ष चुनाव करवाने और पुनः सत्ता में आने को लोकतंत्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, "बीबीसी द्वारा 1999 में आयोजित एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में इंदिरा गांधी को 'वुमन ऑफ द मिलेनियम' का खिताब दिया गया। साथ ही, 2020 में 'टाइम' पत्रिका ने उन्हें 'आयरन लेडी' के रूप में दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शामिल किया, जो भारत के लिए गौरव की बात है।"
इस अवसर पर शहर कांग्रेस के महासचिव भोला वांजले, पूर्व उपाध्यक्ष सुभाष थोरवे, कामगार नेता राजेंद्र खराडे, शिवसेना नेता अतुल दिघे, एडवोकेट श्रीकांत पाटिल, संजय बिबवे, धनंजय भिलारे और गोरख पळसकर ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में राजीव गांधी स्मारक समिति के वरिष्ठ सदस्य रामचंद्र शेडगे, एडवोकेट स्वप्निल जगताप, गणेश शिंदे, आशिष गुंजाल, सुनील मारणे, मनोज पाटिल और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट फैयाज शेख ने किया और धन्यवाद ज्ञापन भी दिया।