पुणे। छत्रपति शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र, जो अपनी प्रगतिशील और समाज सुधारक सोच के लिए जाना जाता था, आज भाजपा नेताओं की कट्टर सोच और असहिष्णुता की गिरफ्त में आता नजर आ रहा है। राजर्षि शाहू महाराज और सावित्रीबाई-ज्योतिबा फुले जैसे समाज सुधारकों की भूमि पर अब सत्ता की लालसा में चूर भाजपा नेता बेटियों को घर से बाहर न निकलने देने की धमकियाँ दे रहे हैं, और उनकी इस सोच को समर्थन दे रहे उनके समर्थक समाज में विकृति फैलाने का काम कर रहे हैं। यह स्थिति प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संगमनेर में एक चुनावी सभा के दौरान भाजपा नेता वसंत देशमुख ने डॉ. जयश्री बालासाहेब थोरात के खिलाफ जो बयान दिया, वह उनकी दमनकारी सोच को उजागर करता है। देशमुख का यह बयान न केवल महिलाओं के प्रति उनकी प्रतिगामी सोच को दर्शाता है बल्कि भाजपा की मानसिकता को भी साफ करता है कि वे समाज में महिलाओं की भूमिका को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों को अब यह निर्णय लेना होगा कि वे अपनी बेटियों को स्वतंत्र और सशक्त वातावरण में विकसित होते देखना चाहते हैं या फिर भय और दबाव के माहौल में 'अबला' बना देखना चाहते हैं। गोपालदादा तिवारी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि त्रिकुट सरकार ने राज्य की कानून व्यवस्था को मोदी-शाह के पास गिरवी रख दिया है।