सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रति प्रशासन को वृद्धावस्था में सहानुभूति होनी चाहिए..!
पुणे : जीवनभर सेवा करने के बाद सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली राशि पर ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपना गुजारा करना पड़ता है। ऐसे में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रति, उनकी वृद्धावस्था में, प्रशासन की सहानुभूति होनी चाहिए। यह बात पुणे मनपा निवृत्त सेवक संघ की स्वर्ण जयंती सभा और नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के चुनाव के अवसर पर पीएमपीएमएल इंटक मजदूर संगठन के सलाहकार और कांग्रेस नेता गोपालदादा तिवारी ने कही।
उन्होंने आगे कहा कि पुणे महानगर पालिका के बैंक में करोड़ों रुपये फिक्स्ड डिपॉजिट में पड़े होने के बावजूद भी सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत मिलने वाले वेतन अंतर और ग्रैच्युइटी जैसी राशियों को एकमुश्त देने के बजाय, टालमटोल क्यों की जा रही है? तिवारी ने इस पर कड़ा सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद सभी कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिलती, लेकिन कम से कम वेतन अंतर और ग्रैच्युइटी जैसी राशि समय पर और तात्कालिक रूप से मिलनी चाहिए। सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को शारीरिक बीमारियां, यात्रा और अन्य खर्चों के लिए पैसों की जरूरत होती है, और पेंशन ना होने की स्थिति में उनका मुख्य आय स्रोत बंद हो जाता है। यह समस्या गंभीर है। यह शर्म की बात है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को अपने हक की राशि के लिए आंदोलन या अनशन करना पड़ता है।
पूर्व अध्यक्ष संभाजीराजे भोसले ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि लगभग 35% सेवानिवृत्त कर्मचारी वेतन अंतर की राशि का इंतजार करते-करते मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। आगामी तीन वर्षों के लिए, जयंतबापू पवार (अध्यक्ष), संजीव मोरे (कार्याध्यक्ष), और हनुमंत खलाटे (महासचिव) की अगुवाई में 11 सदस्यीय कार्यकारिणी का चुनाव किया गया।
पुणे महानगरपालिका निवृत्त सेवक संघ की स्थापना महाराष्ट्र के गृह मंत्री भाई वैद्य ने 13 दिसंबर 1974 को की थी। इस संघ में पुणे मनपा, पीएमपीएमएल और शिक्षा मंडल से सेवानिवृत्त सभी वर्गों के कर्मचारी शामिल हैं।
इस संगठन के माध्यम से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जल्दी से जल्दी पेंशन दिलवाने, ग्रेच्युटी, अवकाश के शेष पैसे, साथ ही चिकित्सा बिलों आदि सेवाओं को उपलब्ध कराने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की व्यक्तिगत या सामूहिक समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए संगठन कार्यरत है, ऐसा संगठन के अध्यक्ष जयंत बापू पवार ने बताया। उन्होंने यह भी मांग की कि पीएमपीएमएल की तरह मनपा और शिक्षा मंडल से सेवानिवृत्त कर्मचारियों के मुद्दों पर भी मा. गोपाळदादा तिवारी संगठन को सहयोग और मार्गदर्शन करें।
इस अवसर पर, पीएमटी इंटक के अध्यक्ष श्री राजेंद्र खराडे, वरिष्ठ नागरिक संघ के श्री सुभाषशेठ थोरवे, इंटक के उपाध्यक्ष सागर कांबले, शिवसेना के श्री सुघीर कुरुमकर, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष हेमंत राजभोज, हरीभाऊ महाले, राजा ओतारी, अशोक बालवे, एडवोकेट स्वप्नील जगताप, गणेश शिंदे, नरेश आवटे आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन महासचिव हणमंत खलाटे ने किया। श्री संजीव मोरे, खराडे, कदम आदि ने भाषण दिए।
इस अवसर पर "सेवानिवृत्त कर्मचारियों के होनहार बच्चों का - छात्रों का संगठन की ओर से पदक, प्रशंसा पत्र और नकद राशि देकर अतिथियों के हाथों से सम्मान किया गया"।
पिछली कार्यकारिणी में महासचिव का पद संभालने वाले श्री जयंत बापू पवार ने अध्यक्ष का पद संभालने के बाद इस साल के 'स्वर्ण जयंती' वर्ष होने के कारण संघ की अपनी इमारत बनवाने और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने का संकल्प किया, और 7वें वेतन आयोग के बकाया किस्तों को एकमुश्त दिलवाने का भी प्रयास करने का दृढ़ निश्चय किया।
पूर्व अध्यक्ष राजे भोसले ने कहा कि "पुणे मनपा निवृत्त सेवक संघ" राज्य में अच्छे कामों के लिए प्रसिद्ध है। अगले 3 वर्षों के लिए नई कार्यकारिणी इस प्रकार है:
मा. सर्वश्री जयंत बापू पवार (अध्यक्ष), संजीव मोरे (कार्याध्यक्ष); हनुमंत खलाटे (महासचिव); उत्तम कदम (खजांची); मा. ज्ञानोबा नवले (सचिव); मा. कुसुम चव्हाण (आंतरिक ऑडिटर); मा. भारत धावारे (सचिव); शिवाजी जाधव (सचिव); सिताराम कांबले (सचिव); मा. दीपक पाथरकर (सदस्य); मा. बाबुराव गावंडे (सदस्य); मा. वंदना जाधव (सदस्य); मा. प्रविण बारवकर (सदस्य); दत्तात्रय कुरणे (निमंत्रित); बाळासाहेब तनपुरे (निमंत्रित); सदाशिव चिल्लाळ (निमंत्रित); बाळकृष्ण आंग्रे (सलाहकार); हरिभाऊ जगताप (सलाहकार); गोविंद दारविटकर (सलाहकार)।