पुणे । कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने आरोप लगाया है कि इंफोसिस को जीएसटी चोरी के आरोप में 32,400 करोड़ रुपये की नोटिस भेजने का कदम मोदी सरकार की अहंकारी और प्रतिक्रिया स्वरूप है। उनका कहना है कि यह कदम नारायण मूर्ति द्वारा भारत की वास्तविकता पर की गई टिप्पणी के खिलाफ एक प्रतिशोधी कार्रवाई है।
तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपनी पीठ थपथपाते हुए कथित विकास के श्रेय में लगे हुए हैं, जबकि वे असंबद्ध वल्गनाएं कर रहे हैं। उन्होंने मोदी की उस बयानबाजी की आलोचना की, जिसमें भारत को एक वैश्विक उत्पादन केंद्र के रूप में पेश किया गया था, जबकि वास्तविकता में स्थिति इससे काफी अलग है। नारायण मूर्ति ने भारत की क्षमता पर वास्तविकता को उजागर करते हुए एक 'वास्तववादी आईना' पेश किया और मोदी के अवास्तविक दावों को चुनौती दी।
तिवारी के अनुसार, नारायण मूर्ति की टिप्पणी का उद्देश्य भारत की वास्तविक स्थिति को सामने लाना था, न कि किसी प्रकार की देशद्रोही गतिविधि करना। बावजूद इसके, मोदी सरकार ने इंफोसिस को 32,400 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का आरोप लगाते हुए नोटिस जारी किया है, जो कि एक प्रकार की धाक और दहशतवादी कार्रवाई है।
उन्होंने कहा कि इंफोसिस ने भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिनिधित्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी सरकार द्वारा ईन्फोसिस को दी गई दंडात्मक नोटिस ने स्पष्ट रूप से सरकार की बौद्धिक दिवालियापन और संकुचित सोच को उजागर किया है।
तिवारी ने यह भी कहा कि अगर मोदी सरकार वास्तविकता पर आधारित विमर्श को सहन नहीं कर सकती और इसके खिलाफ प्रतिशोधात्मक कदम उठाती है, तो यह देश के लिए चिंता का विषय है। उनके अनुसार, इस प्रकार की कार्रवाई से मोदी सरकार की अस्वीकृति और अहंकारी प्रवृत्ति का ही प्रदर्शन होता है।