राजकोट किले की, "शिव प्रतिमा का खंडन” महाराष्ट्र के मानबिन्दु को ठेस पहुंचाने वाली निंदनीय घटना..!
राज्य के ‘कला संचालनालय’ द्वारा दी गई मान्यता की न्यायालयीन जांच हो"
पुणे। कांग्रेस ने महाराष्ट्र के गौरव पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस राज्य प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने मांग की है कि राजकोट किले पर स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना और कला संचालनालय द्वारा दी गई मंजूरी की न्यायिक जांच की जाए। उन्होंने इस घटना को महाराष्ट्र की अस्मिता पर आघात बताते हुए इसे अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय करार दिया।
गोपालदादा तिवारी ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने की घटना महाराज के प्रति घोर अनादर और ईर्ष्या को दर्शाती है। शिव छत्रपति के चेहरे पर घातक हमले का निशान दिखाना भी महाराज के प्रति असम्मान और उपेक्षा का संकेत है।"
उन्होंने यह भी कहा कि राजकोट में आठ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई इस प्रतिमा को महाराष्ट्र सरकार के कला संचालनालय द्वारा दी गई मंजूरी की गहन न्यायिक जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही तिवारी ने त्रिकुट सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सवाल किया, "जब 'राज्य की सत्ता' शासकों के गुलामों के हाथ में है, तो महाराष्ट्र की अस्मिता की रक्षा कैसे हो सकती है?"
कांग्रेस प्रवक्ता ने भाजपा के कर्नाटक के मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र के राज्यपाल और भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी पर भी महाराष्ट्र की अस्मिता का अपमान करने के निंदनीय प्रयास करने का आरोप लगाया। गोपालदादा तिवारी ने कहा, "अरबी सागर में हिंदवी स्वराज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा करके केवल प्रचार किया गया। प्रधानमंत्री ने पुतला स्थापना समारोह में हिस्सा लिया, लेकिन आठ वर्षों में महाराज के स्मारक को पूरा नहीं किया गया। यह महाराज के प्रति किस प्रकार की आत्मीयता, सम्मान या कर्तव्य का प्रतीक है?"
कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के गिरने और उसके बाद की स्थिति को लेकर है, जो महाराष्ट्र की अस्मिता और सम्मान के मुद्दे पर लगातार प्रश्न खड़े करती है।