लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव, आईएएस अमृत अभिजात ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है, जिसमें सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को तैनाती स्थल पर ही निवास करने के आदेश दिए गए हैं। यह निर्देश उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और सशक्त बनाने के उद्देश्य से जारी किया गया है।
निर्देश का उद्देश्य:
प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने स्पष्ट किया है कि यह कदम अधिकारियों की क्षेत्रीय समझ और उनकी प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। जब अधिकारी अपने तैनाती स्थल पर ही निवास करेंगे, तो वे स्थानीय समस्याओं को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और उनका त्वरित समाधान कर सकेंगे।
प्रमुख सचिव के निर्देश:
1. स्थानीय समस्याओं का त्वरित समाधान: अधिकारियों को तैनाती स्थल पर निवास करने से वे जनता की समस्याओं को नज़दीक से देख सकेंगे और उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित कर सकेंगे।
2. प्रभावी प्रशासनिक निगरानी: इससे अधिकारियों को अपने क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों पर लगातार नजर रखने और प्रभावी प्रशासनिक निगरानी करने में सहायता मिलेगी।
3. लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करना: स्थानीय निवास से अधिकारियों और जनता के बीच संवाद को सशक्त किया जा सकेगा, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुदृढ़ता मिलेगी।
4. नियंत्रण और समन्वय में वृद्धि: स्थानीय निवास से अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा और विभिन्न विभागों के कार्यों में नियंत्रण और समन्वय में वृद्धि होगी।
अधिकारियों की जिम्मेदारी:
प्रमुख सचिव ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे इस निर्देश का सख्ती से पालन करें और यह सुनिश्चित करें कि वे अपने तैनाती स्थल पर ही निवास करें।
जनता का विश्वास:
इस कदम से जनता का प्रशासनिक व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और वे यह महसूस करेंगे कि उनके समस्याओं का समाधान उनके नजदीक ही उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम की व्यापक प्रशंसा हो रही है और इसे प्रदेश की विकासशील प्रशासनिक व्यवस्था की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।