पिंपरी/ पुणे । पिंपरी-चिंचवड़ शहर में आयोजित ‘12 घंटे तिरंगा लेकर खड़े रहने’ के अभियान का समापन कांग्रेस नेता और राज्य प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी के संबोधन के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि "तिरंगा ध्वज" केवल एक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रभक्ति, संप्रभुता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह किसी बाजारू प्रदर्शन या मार्केटिंग का विषय नहीं हो सकता।
यह अभियान पिंपरी-चिंचवड़ शहर कांग्रेस डॉक्टर सेल की अध्यक्षा डॉ. मनीषा गरुड के नेतृत्व में “हाथ से जुड़े हाथ तिरंगे के साथ” के नाम से आयोजित किया गया। इसका शुभारंभ वंदे मातरम गीत के साथ..कामगार नेता तथा पिंपरी चिंचवड काँग्रेस अध्यक्ष डॅा कैलास कदम के हाथों ध्वज प्रदान करके हुआ ।
कार्यक्रम के समापन भाषण में गोपालदादा तिवारी ने कहा कि तिरंगा ध्वज साहस, सामाजिक शांति, सौहार्द और सुरक्षा, समानता, समृद्धि और विकास का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्र, धर्मनिरपेक्ष और आत्मनिर्भर भारत की यात्रा 1947 में शुरू हुई थी, और 76 वर्षों में, देश ने जनसंख्या, शिक्षा, साक्षरता, कृषि उत्पादन, मिसाइल तकनीक, अंतरिक्ष अनुसंधान और उत्पादन क्षमता के मामलों में उल्लेखनीय प्रगति की है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि तिरंगा ध्वज स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के लिए स्वतंत्रता की प्रेरणा का प्रतीक था और आज भी है। उन्होंने वर्तमान सत्ताधारियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि स्वतंत्रता भीख में नहीं मिली थी और न ही 2014 में असली स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी, जैसा कि कुछ लोग दावा करते हैं।
कार्यक्रम में लगभग 2,000 नागरिकों ने भाग लिया। नागरिकों के लिए तिरंगे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ऊंचा रखने का विचार बेहद प्रेरणादायक था।
इस अवसर पर सर्वश्री डॉक्टर सेल के प्रदेशाध्यक्ष डॉक्टर मनोज राका, सुमंत गरुड, अंबालाल पाटील, डॉ तानाजी बांगर, डॉ सुहास कांबले, संदीप भिरुड, सायली भांबुर्डे, सुजित लोंढे, सुजित पोखरकर, ज्योती भारुड, मोना दिवान, प्रिया दिवाण, नाणेकर, माजी आमदार श्री गौतम चाबुकस्वार, मारुती भापकर, राष्ट्रवादी महिला अध्यक्षा सौ ज्योतीताई निंबालकर, युकाँ के इमरान खान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र बनसोडे, भरत वाल्लेकर, मयूर जयस्वाल, बाबा बनसोडे, जितेंद्र छाबडा, विश्वनाथ जगताप, विठ्ठल शिंदे, ज्येष्ठ नेते अभिमन्यू दहीतुले, निघारताई बारस्कर, बाबा मुकुटमल, माडगूळकर, उमेश खंदारे, किरण खाजेकर, विशाल सरवदे, विजय ओवाळ, रविभाऊ नांगरे, सुप्रिया पोहरे, निर्मलाताई खैरे, स्मिताताई पवार, जुबेर भाई, मेहबूब भाई, शाबुद्दीन शेख, इरफान खान, राजन नायर, शिबू असेफ, झेवियर अँथोनी, भीमशक्तीचे सुरज गायकवाड, बीबी शिंदे, संदेश नवले, देवेंद्रजी तायडे, बीबी पाटील, धनंजय भिलारे, ॲड स्वप्नील जगताप, गणेश शिंदे सहित कई वरिष्ठ नेता और कांग्रेस के पदाधिकारी, मविआ के प्रतिनिधि और विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक संगठनों के नेता भी उपस्थित थे।
डॉ. मनीषा गरुड ने कार्यक्रम के पीछे की अवधारणा को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन शाम 6 बजे माडगुळकर के 'झेंडा गीत' और राष्ट्रगान के साथ हुआ।