- महात्मा गांधी के 'जन कल्याणकारी राज्य व्यवस्था और उनके योगदान' के उद्देश्य को मोदी भूल गए हैं क्या ?
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी का सवाल
पुणे 3 जून : लोकसभा चुनाव के दौरान देश भर में प्रचार यात्रा में, भारत परिक्रमा में, वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी ने कहीं भी पिछले 10 वर्षों के रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की समीक्षा कर जिम्मेदारी के भाव से जनता से कुछ कहना जरूरी नहीं समझा। साथ ही ''पिछले 10 वर्षों में हासिल की गई स्पीड, स्केल, स्कोप और स्टैंडर्ड के बारे में वह अपनी उपलब्धियां या प्रयास नहीं बता सके। क्या इसे देश का दुर्भाग्य माना जाए..?'' ऐसा व्यंग्यात्मक सवाल उठाकर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है।
उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य अंततः ईश्वर की शक्ति के सामने आत्मसमर्पण कर देता है.. और उस पर ध्यान करके, हम पिछली अक्षम्य गलतियों, समय की बर्बादी और देश के खिलाफ गलत फैसलों से उबर सकते हैं.. लेकिन तब तक समय बीत चुका होगा..!! नरेंद्र मोदी को स्वामी विवेकानन्द का 1897 का संकल्प याद है, जो बहुत अच्छा और राष्ट्रहित का विषय है, लेकिन उसी संकल्प को राष्ट्रपिता ने प्रत्यक्ष देश भक्ति की भावना से ब्रिटिश विरोधी संघर्ष को तीव्र कर साकार किया था। राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना से सत्याग्रही आंदोलन को बलिदान में बदल कर और स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत को समर्पित कर कांग्रेस के सक्रिय और समर्पित समर्थन के कारण ही भारत को वर्ष 1947 में आजादी मिली। उसका श्रेय वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम को देंगे क्या ?
कन्याकुमारी में अपने चिंतन के बाद सभी प्रिंट मीडिया द्वारा समर्थित स्व-प्रकटीकरण में मोदी को 'लोक कल्याणकारी राज्य व्यवस्था और बापु के योगदान' को नहीं भूलना चाहिए, यही एक स्वतंत्रता, लोकतंत्र और संविधान प्रेमी कांग्रेसी के रूप में प्रतिक्रिया व्यक्त करता हुं, ऐसा गोपालदादा तिवारी ने स्पष्ट किया।