पुलिस एसीपी ने पत्नी व भतीजे की हत्या कर खुद को भी गोली से उड़ाया
उच्चभ्रू बानेर इलाके में रात 3.30 बजे हुई वारदात, पुलिस महकमें में हड़कंप 

पुणे, 24 जुलाई, भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क : पुणे शहर के उच्चभ्रू लोगों की पहली पसंद माने जाने वाले बानेर इलाके में बीते रविवार की रात एक एसीपी द्वारा अपनी पत्नी व भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दिए जाने और हत्या पश्चात खुद को भी गोली से उड़ा लेने का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। एसीपी का नाम भरत गायकवाड़ बताया गया है। भरत गायकवाड़ अमरावती में एसीपी के पद नियुक्त थे। बीते शनिवार वह छुट्टी लेकर पुणे आए थे।  


 इस संबंध में पुलिस सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार भरत गायकवाड़ का पूरा परिवार यहां बानेर इलाके के राजगृह बंगले में रहता था। यह बंगला यहां बानेर के लक्ष्मण नगर सर्वे नंबर 22/6/5 बालेवाड़ी में स्थित है। बंगला भरत गायकवाड़ और उनकी पत्नी मोनी भरत गायकवाड़ के नाम पर है। इस बंगले में भरत की मां, पत्नी मोनी, दो बच्चे और भतीजा आदि रहते थे। 
 पुलिस ने बताया कि रविवार की रात करीब 3.30 बजे भरत गायकवाड़ ने सबसे पहले अपनी 44 वर्षीय पत्नी मोनी गायकवाड़ को पिस्तौल से गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर दूसरे कमरे से बाहर आए 35 वर्षीय भतीजे दीपक गायकवाड़ को भी भरत ने देखते ही गोली मार दी। गोली दीपक के सीने पर लगी और वह वहीं गिर पड़ा। इस बीच दूसरे कमरे से भरत का बेटा सुहास गायकवाड़ और भरत की मां बाहर आए। भरत ने उन दोनों को धकेलकर उनके कमरे में बंद कर दिया। उसके बाद भरत ने अपने सिर को निशाना बनाकर गोली मार ली। 


 इस दौरान भरत के बेटे सुहास ने चतुरश्रृंगी पुलिस को फोन पर घटना की जानकारी दी। पुलिस के सहायक आयुक्त पद पर तैनात पुलिस अधिकारी के घर इतनी बड़ी वारदात की खबर मिलते ही चतुःश्रृंगी ही नहीं समूचे पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया और कुछ ही देर में पुलिस पूरी तैयारी के साथ ‘राजगृह़’ बंगले पर पहुंच गई। 

 पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो एसीपी भरत गायकवाड़ कमरे के बाहर रक्तरंजित अवस्था में पड़े हुए थे। उनके पास ही वह पिस्तौल भी पड़ी हुई थी जिससे उन्होंने इस वारदात को अंजाम दिया था। कुछ ही दूरी पर उनका 35 वर्षीय भतीजा दीपक भी रक्त रंजित अवस्था में पड़ा हुआ था। उधर कमरे में एसीपी भरत की पत्नी 44 वर्षीय मोनी गायकवाड़ी भी खून में लगभग नहाई हुई पड़ी र्हुइं थीं। सुहास और भरत की मां कमरे में बंद थे। 


पुलिस ने उन दोनों को बाहर निकाला और तीनों घायलों को तुरंत एंबूलेंस से अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने पर डाक्टर ने तीनों को उपचार पूर्व ही मृत घोषित कर दिया। इस दिल दहला देने वाले हत्याकांड और आत्म हत्याकांड का फिलहाल कोई चश्मदीद गवाह नहीं हैै। 


दोहरे हत्याकांड और फिर एसीपी की आत्म हत्या के पीछे की वजह क्या है? पुलिस भी अभी इस पर कोई रोशनी नहीं डाल पा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही यह पूरा मामला साफ होगा। 


 हत्या में प्रयुक्त की गई पिस्तौल के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि, भरत गायकवाड़ पुलिस फोर्स के एक तेज तर्रार जांबाज पुलिस अधिकारी थे। उनकी सेवाओं को देखते हुए उन्हें वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर पद से सहयाक पुलिस आयुक्त पद पर सरकार ने प्रोन्नत किया था और उनका तबादला अमरावती कर दिया गया था। चूंकि उन्होंने अपनी जान का खतरा महसूस किया था और विभाग से एक निजी पिस्तौल का लाइसेंस मांगा था जो कि उन्हें मिल भी गया था। इसी लाइसेंस पर उन्होंने यह पिस्तौल खरीदी थी जिससे इस घटना को उन्होंने अंजाम दिया। 


बहरहाल एसीपी द्वारा पत्नी व भतीजे की हत्या करना जहां एक पहेली बना हुआ है वहीं इस लोमहर्षक हत्याकांड ने समूचे पुलिस महकमें में हड़कंप मचा दिया है। खबर है कि पुणे के पुलिस आयुक्त रितेश कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने घटनास्थल का दौरा किया है और अपने तरीके से मामले की तह तक पहंुचने का प्रयास किया है। यह अलग बात है कि पुलिस ने अभी तक हत्या के कारणों पर प्रकाश नहीं डाला है।
Comments
Popular posts
धनपतगंज ब्लॉक कांग्रेस की मासिक बैठक सम्पन्न, संगठन मजबूत करने और कार्यकर्ताओं के सम्मान पर जोर
Image
इंजीनियरिंग का 'टॉपर' निकला चोर; पुणे से की ज्वेलरी चोरी, कर्नाटक भागा, फंसा पुलिस के जाल में
Image
‘शहीद प्रधानमंत्री’ इंदिरा गांधी की हत्या और उनके कार्यकाल की तुलना मोदी के कार्यकाल से करना बौद्धिक दिवालियापन और विकृति का प्रदर्शन : कांग्रेस प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी
Image
‌"अनैतिक सत्ता का खेल! जनमत का अपमान कर महायुती सत्ता बचाने की जद्दोजहद में – कांग्रेस का करारा हमला"
Image
विविध मांगों को लेकर रिक्शा और कैब चालकों की हड़ताल से यात्रियों को भारी परेशानी, प्रशासनिक तंत्र की अनदेखी
Image