जब अतीक और अशरफ को गोली मारी गई उस समय पुलिस उन्हें मेडिकल कॉलेज रूटीन चेकअप के लिए लेकर गई थी और चेकअप करवा कर अस्पताल से बाहर निकल रही थी। पत्रकार अतीक और अशरफ से सवाल-जवाब कर रहे थे। पत्रकारों के बीच में ही फर्जी पत्रकार बनकर यह तीनों आरोपी घुसे थे और और अतीक और अशरफ को तीनों तरफ से घेर लिया था। इसी दौरान अचानक इन तीनों आरोपियों ने तीन तरफ से अतीक और अशरफ के सिर को निशाना बनाते हुए फायरिंग झोंकना शुरु कर दिया। हथकड़ी पहने हुए दोनों भाई गोली लगने के बाद जमीन पर गिर गए। इस गोलीकांड में घटनास्थल पर ही अतीक और अशरफ की मौत हो गई।
इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले तीनों हत्यारोपी हाथ उठाकर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया कहा जा रहा है कि हत्यारों ने हत्याकांड को अंजाम देने के बाद नारे भी लगाए थे।
समूचे यूपी में धारा 144 लागू
माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन चौकन्ना हो गया है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात 2:30 बजे तक प्रदेश के उच्च अधिकारियों के साथ हाई लेवल की मीटिंग की और सभी पुलिस थानों को निर्देश दिया गया कि वह सभी संवेदनशील स्थलों पर गश्त बढ़ाए। पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है। आम जनता से कहा गया है कि वह अफवाह पर विश्वास ना करें और ना ही खुद अफवाह फैलाएं। सोशल मीडिया या अन्य माध्यम से अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने का भी निर्देश दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की आज उस समय हत्या कर दी गई, जब उन्हें प्रयागराज में मेडिकल जांच के लिए ले जाया जा रहा था. अतीक के खिलाफ 100 से ज्यादा मामले दर्ज थे. अतीक अहमद के वकील के मुताबिक, दोनों को 10 से ज्यादा गोलियां मारी गईं. वहीं आज ही अतीक के बेटे असद को सुपुर्द ए खाक किया गया था.
घटना के वक्त के विजुअल्स में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को पत्रकारों से बात करते देखा जा सकता है. इसी दौरान आरोपियों ने अतीक अहमद के सिर में गोली मार दी.
इसके अगले ही क्षण अतीक के भाई अशरफ को भी गोली मार दी गई. जानकारी के मुताबिक, यह घटना 8 बजकर 2 मिनट पर हुई.
यूपी के झांसी में गुरुवार को पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में अतीक अहमद का बेटा असद मारा गया था, जिसे आज ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
अतीक अहमद समाजवादी पार्टी का पूर्व सांसद था और उसे अपहरण के एक मामले में अदालत ने दोषी ठहराया था.
बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल के हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों को प्रयागराज में इसी साल 24 फरवरी को गोली मार दी गई थी. इस मामले में अतीक अहमद आरोपी था.