छत्रपति शिवाजी महाराज के कथित अपमान को लेकर पुणेकरो और विपक्षी पार्टियों ने बंद किया था आयोजित
पुणे, भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क: छत्रपति शिवाजी महाराज सहित महाराष्ट्र के अनेक महापुरुषों का कथित रूप से भाजपा और राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से किए गए अपमान के खिलाफ आज पुणे बंद का आयोजन किया गया था जिसे बंद के आयोजकों द्वारा शत-प्रतिशत सफल बताया गया है।
पुणे में मंगलवार 13 दिसंबर को सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। इस बंद से उपनगरीय इलाके भी अछूते नहीं रहे। येरवड़ा व्यापारी एसोसिएशन के सेक्रेटरी श्री नथमल काबेड़िया ने जानकारी देते हुए बताया कि येरवड़ा और आसपास के इलाके में व्यापारियों ने अपनी दुकानें शाम 4:00 बजे तक पूरी तरह बंद रखकर बंद का समर्थन किया था। इन इलाकों के तमाम व्यापारी पुणे में आयोजित निषेध मुक मोर्चा में भी शामिल हुए थे।
उन्होंने कहा कि येरवड़ा व्यापारी एसोसिएशन की ओर से बंद के समर्थन की घोषणा की गई थी जिसका व्यापारियों ने पूरी तरह साथ दिया और अपनी दुकानें नहीं खोली। शाम 4:00 बजे के बाद येरवड़ा बाजार और आसपास के इलाके की सभी दुकानें पूरी तरह खुलीं।
आपको बता दें कि महापुरुषों के कथित अपमान को लेकर आज तमाम विपक्षी पार्टियों और स्थानीय शिवप्रेमी संगठनों तथा गणेश मंडलों व्यापारियों ऑटो रिक्शा संगठनों आदि की ओर से पुणे बंद का ऐलान किया गया था। इस घोषणा के अनुसार पुणे में व्यापारियों ने अपनी दुकानों प्रतिष्ठानों को पूरी तरह बंद रखा था। लक्ष्मी रोड सहित शहर की सभी बाजारों में सन्नाटा दिनभर पसरा रहा। उधर डेक्कन स्थित खंडूजी बाबा चौक से तिलक रोड लक्ष्मी रोड मार्ग से बेल बाग चौक होते हुए लाल महाल तक एक मुक मोर्चा निकाला गया। इसमें हजारों की संख्या में पुणेकर शामिल हुए।
पुणे बंद को समर्थन देने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले भी लाल महाल पहुंचे थे। इसके अलावा सभी दलों के स्थानीय नेता शामिल हुए।
बंद के दौरान शहर की प्रमुख यातायात सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं जिससे बाहर से आने वाले यात्रियों को भारी तकलीफ का सामना करना पड़ा। शहर में पीएमपीएमएल और ऑटो रिक्शा पूरी तरह बंद रहे। इससे सड़कों पर लगभग सन्नाटा पसरा रहा। अधिकांश पुणेकर आज अपने घरों पर ही रहे। अत्यावश्यक कार्य से ही लोग घर से बाहर निकले।
पुलिस ने सुरक्षा के लिए किए थे व्यापक इंतजाम
विपक्ष द्वारा भाजपा और राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ पुणे में आयोजित पुणे बंद को देखते हुए सुरक्षा के लिए व्यापक प्रबंध किया था। सुरक्षा के लिए 100 पुलिस इंस्पेक्टर करीब 300 सब इंस्पेक्टर और 1000 से अधिक पुलिस कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी। पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता सहित पुलिस के डीसीपी शहर में कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए खुद मॉनिटरिंग कर रहे थे। बाहर हाल पुणे बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा की कोई खबर सामने नहीं आई है।