वरिष्ठ पत्रकार
पुणे, भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क :भारत विकास परिषद, महाराष्ट्र नैचरल गैस लि., गेल इंडिया लि व बी.पी.सी.एल की ओरसे मुफ्त मोड्युलर पैरोंका कार्यक्र किया जाएगऐसी जानकारी संस्था के अध्यक्ष दत्ता चितले ने संवाददाता संमेलन में दी.
चितले ने कहा की, मोड्युलर पैरोंकी किमत ५० हजार व हाथ की किमत २५ हजारतक है. लेकिन परिषद यह सेवा मुफ्त देती है. दिव्यांग पुनर्वसन केंद्रको को कोई सरकारी मदद न होने के बजह से सब दिव्यांगोंको यह सेवा मुफ्त दी जाती है. भारतमे २.६८ लाख दिव्यांग है. इसमेसे ५४ लाख हाथ-पैरसे दिव्यांग है. इसमे हर बरस ४० हजार नए दिव्यांग आते है.
इसलिए ४० बरसोंसे संस्था दिव्यांग सेक्टर मे काम कर कर रही है. पुरे महाराष्ट्र में १३ दिव्यांग व १० सेंटर से महाराष्ट्र मे परमनंट दिव्यांग केंद्रके १९९७ से काम करती है. हर बरस २ हजार दिव्यांगों को मुफ्त कृत्रिम पैर , हाथ व कॅलिपर देती है. केंद्रके वर्कशॉप में मॉडर्न मशिन व तज्ञोंाके द्वारा यह अंग बनाए जाते है. पैर बिठाने के बाद दिव्यांग चलना, भागना, कूदना, गाडी चलाना कर सकती है. इस बारे में केंद्र पर मार्गदर्शन भी किया जाता है.
चितले ने आगे कहा के, मॉड्युलर फिट बिठाया गया आदमी आसानीसे सायकिलचला सकता है, सिढीयॉं चढना, कूदना, कंधे पे वेट रखकर चल भी सकता है. इसलिए एमएनजीएल फायनॅन्शियल मदद भी करेगा. इससे ४०० दिव्यांगों को मॉड्युलर पैर बिठासकते है. काम ऐसा ही चलता रहा तो २०२३ मे पूना दिव्यांग मुक्त हो सकता है।
अधिक जानकारी के लिए विकलांग केंद्र चिफ विनय खटावकर से ९३२६७३०६६६ पे संपर्क करे.