सर्वप्रथम लखीमपुर (उ. प्र.) के युवा कवि ज्ञानेंद्र वत्सल ने सरस्वती बंदना पढ़ी जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए । उन्होंने काव्य पाठ में बिना चुटकुलों का सहारा लिए प्रभावशाली कविताएं सुनाकर मंच को गरिमा प्रदान की ।
पुणे के वरिष्ठ कवि शरदेन्दु शुक्ल'शरद' ने अपनी विभिन्न रंगों की कविताओं से श्रोताओं को बांधे रखा । अकोला के सुप्रसिद्ध कवि, प्रकाश पुरोहित जी ने पैरोडी और गीतों से समा बांध दिया ।
प्रारंभ में बैतूल ( म. प्र.) के वैभव गुप्ता ने स्टैंड अप कॉमेडी से श्रोताओं को खूब हंसाया । जलगांव के नितिन खंडाले ने इसी मंच पर मराठी कविता सुनाई ।
कवि सम्मेलन का सधा हुआ, सुंदर सूत्रसंचालन डॉक्टर ओंकार नाथ शुक्ल जी ने किया ।
मुख्य अतिथि मनोज अबूसरिया जी (संयुक्त निदेशक ) कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. सी ज्ञानशीलन जी ने की तथा सभी का आभार व्यक्त किया । हाल के दिनों में पुणे में हुए कवि सम्मेलन में इस कवि सम्मेलन को श्रेष्ठतम कहा जा रहा है।