भिण्ड में पटवारी की दबंगई के चलते किसान परेशान
भिण्ड/ मध्य प्रदेश, भगीरथ प्रयास न्यूज नेटवर्क: जिले की भिण्ड तहसील में पदस्थ पटवारी की मनमानी एवम दबंगई के चलते किसान भारी परेशान। प्रशासनिक अमले के वरिष्ठता क्रम में पटवारी भले ही सबसे छोटा पद है मगर सरकार के पत्राचार के सारे मामले उसी से जुड़े होते है उसके बिना राजस्व का कोई भी मामला आगे नहीं बड़ सकता। बुनियादी स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण राजस्व दस्तावेज के संरक्षक पटवारियों को भी बखूबी अहसास है कि ये व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग हैं। ऐसे में मालदार बनने के लालच में पटवारियों की एक बड़ी जमात धीरे धीरे भ्रष्टाचार की राह पकड़ रही है। गांव में गरीब किसान के लिए पटवारी ही बड़ा साहब होता है। किसानों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जिले की भिण्ड तहसील में ककहरा हल्के पर पदस्थ पटवारी विनायक तोमर भी इसी कड़ी का हिस्सा है साहब बिना लेन देन किए कोई भी कार्य नही निपटाते। शासन के आदेश अनुसार पटवारियों को ये आदेश दिए गए हैं कि हफ्ते में दो दिन ग्राम मुख्यालय में बैठकर किसानों की समस्यायों का निपटारा करें परंतु इस आदेश को ठेंगा दिखाते हुए पटवारी महोदय अपनी मनमर्जी से कार्य करते है हल्के पर इनका आना कभी कभार ही होता है किसान अपनी कृषि संबंधित समस्या लेकर उनके पास जाते है तो महोदय गांव के गरीब किसानो को महीनो महीनो तहसील कार्यालय के चक्कर लगवाते है । किसान छोटे छोटे कामों के लिए अपने खेती किसानी का काम छोड़कर तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने के लिए मजबूर है। कई वर्षो से एक ही हल्के पर पदस्थ रहने के कारण पटवारी ने अपनी मजबूत जड़े जमा ली है। पटवारी द्वारा किसानों से छोटे छोटे कामों के लिए पैसे की मांग की जाती है उनका कहना होता है कि हमे ऊपर तक देना पड़ता है। किसानों के काम समय पर न होने के कारण वे काफी परेशान हैं किसानों का मानना है कि पटवारी का स्थानांतरण होना ही इस समस्या का समाधान है।