इसौली के सबसे कद्दावर सपा नेता के रूप में उभरे हैं बी.एम यादव

सुल्तानपुर, 6 अक्टूबर, भगीरथ प्रयास न्यूज नेटवर्क : जनपद सुल्तानपुर के इसौली विधानसभा क्षेत्र में पिछले 10 साल से समाजवादी पार्टी से अबरार अहमद विधायक हैं। अबरार अहमद को क्षेत्र के उतने मतदाता नहीं पहचानते हैं जितना कि इस क्षेत्र में सपा नेता बी.एम यादव को लोग जानते और मानते हैं। ऐसा क्यों है जब हमने इसकी पडताल की तो पता चला कि, समाजबादी पार्टी का गठन अक्टूबर 1992 में हुआ। बी. एम यादव ने पार्टी गठन से करीब 2 साल बाद 1994 में समाजवादी पार्टी सक्रीय रूप से ज्वाइन कर ली थी। बी.एम यादव इसौली विधानसभा क्षेत्र के अझुई गांव पंचायत स्थित रैपुरवा गांव के मूल निवासी हैैं। मूलतः किसान परिवार में जन्में बृजमोहन अर्थात बी.एम यादव को क्षेत्र की पूरी जानकारी है। वे किसानों, मजदूरों और सभी वर्ग के लोगों से भलीभांति परिचित हैं और उनकी आवश्यकताओं को बखूबी जानते भी हैं। यही वजह रही कि जब उन्होंने 1994 में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की तो उन्होंने इसौली और सुल्तानपुर को अपनी राजनैतिक कर्मभूमि भी बनाया। यहां उन्हांेने जन हितार्थ कार्य शुरू किए। समय-समय पर विभिन्न गावों को गोद लिया और उनका समुचित व संतुलित विकास करवाया साथ ही वे बिना किसी प्रकार का प्रचार किए अनेकों गरीब व जरूरतमंद बच्चों का शिक्षण शुल्क भी जमा करवाते रहे। इस प्रकार धीरे-धीरे बी.एम यादव इसौली विधानसभा क्षेत्र की जनता बीच चर्चित होते गए। 
सपा के राष्ट्रीय संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ बीएम यादव

 आरंभ में जब समाजवादी पार्टी नई थी उसी दौर से लेकर अब तक बी.एम यादव समाजवादी पार्टी की नीतियों का खुलकर प्रचार प्रसार करते आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में तत्तकालीन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायमसिंह यादव के नेतृत्व में तीन बार सरकार बनी। मुलायमसिंह जी सूबे के मुख्यमंत्री बने तो बी.एम यादव ने सरकार की उपलब्धियों को पार्टी कार्यकर्ता के नाते बखूबी जनता तक पहुंचाया। 
राष्ट्रीय अध्यक्ष व तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ बीएम यादव

 कालांतर में जब मुलायमसिंह यादव जी सपा संरक्षक बने और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान अखिलेश यादव ने संभाली और वे सूबे के मुख्यमंत्री बने तब भी बी.एम यादव ने अपने खर्च से सरकार की उपलब्धियों को लगातार पांच साल तक जनता के बीच पहुंचाया। बी.एम. यादव ने पार्टी अध्यक्ष के जन्मदिन के उपलक्ष्य में विभिन्न अखबरों में पहले पन्ने पर फुल पेज शुभकामना विज्ञापन दिया और लाखों रूपए खर्च कर इसौली और सुल्तानपुर की हजारों दीवालों पर वाल पेंटिंग करवाकर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए पार्टी की नीतियों और सरकार की उपलब्धियों को जनता जर्नादन तक पहुंचाया। इस प्रकार बी.एम यादव सुल्तापुर विशेषकर इसौली विधानसभा में खासे चर्चित हुए। 

 आपको बतादें कि 1994 से लगातार पार्टी में सक्रीय कार्यकर्ता के रूप में तन मन धन से लगे वी.एम यादव ने पार्टी व क्षेत्र के लोगों की सेवा करने के लिए 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से इसौली विधानसभा का टिकट मांगा था। उस समय किन्हीं कारणों से पार्टी ने उन्हें उम्मीदवारी न देते हुए इसौली से अबरार अहमद को पार्टी की ओर से उम्मीदवारी दे दी। वी.एम यादव ने पार्टी के इस फैसले को सिर माथे लेकर पार्टी के उम्मीदवार अबरार को जिताने के लिए दिन रात एक कर तन मन धन से कोशिश की और अबरार अहमद चुनाव जीत कर विधायक बन गए। 

 इसके बाद सन 2014 में लोकसभा का चुनाव आया तो वी.एम यादव ने सुल्तानपुर संसदीय सीट से दावेदारी की किंतु पार्टी ने इस बार भी उन्हंे टिकट नहीं दिया बावजूद इसके वे पार्टी के कार्य में तन मन से लगे रहे। 
2017 में जब विधानसभा के चुनाव आए तो फिर वीएम यादव ने इसौली से टिकट की मांग की लेकिन किन्हीं कारणांे से इस बार भी उन्हंे टिकट नहीं दिया गया । वी.एम यादव ने फिर भी पार्टी नेतृत्व का फैसला माना और पूरी लगन के साथ लगकर पार्टी उम्मीदवार अबरार अहमद को लगातार दूसरी बार विधायक निर्वाचित करवाया। 

 इसी दौरान 2019 में लोकसभा का आम चुनाव आया तो वी. एम यादव ने एक बार फिर पार्टी से सुल्तानपुर संसदीय सीट से उम्मीदवारी मांगी किंतु इस बार यह सीट समझौैते में चली गई और वी.एम यादव को टिकट नहीं मिला लेकिन वीएम यादव की पार्टी निष्ठा में कोई कमी नहीं आई। वे लगातार इसौली और सुल्तानपुर में अपना जनहितार्थ कार्य जारी रखे हुए हैं साथ ही उन्होंने पार्टी की नीतियों को जनता तक पहुंचाने के लिए अखबारांे में समय-समय पर विज्ञापन, वाल पेंटिंग्स और होर्डिंग्स व बैनर आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार तेज गति से जारी ही रखा है। 

 आपको यह भी बतादें कि वी.एम यादव जुझारू नेताओं में से तो हैं ही वे पार्टी की जीत को लेकर सूझ-बूझ से कार्य करने वाले नेताओं में भी गिने जाते हैं। बात अगर इसौली की करें तो इसौली मंे वीएम यादव ने एक बूथ 20 यूथ जैसे सघन कार्यक्रम चलाते हुए पूरी इसौली में पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं की पूरी एक फौज खडी कर दी है। इसका एक उदाहरण विगत 19सितंबर को जब पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल जब सुल्तानपुर आए उस समय देखने को मिला। उनके स्वागत में वी.एम यादव की ओर से आयोजित किए गए कार्यक्रम में अपार जनसमूह उमड पडा था। यह वीएम यादव और उनके कार्यकर्ताओं का ही करिश्मा था। 
बीएम यादव के साथ सपा कार्यकर्ता

 वास्तव में यह करिश्मा इसलिए होता है क्यांेकि वी.एम यादव अपने कार्यकर्ताआंे पर जान छिडकते हैं। कार्यकर्ताआंे के लिए वे हर दिन चौबीसों घंटे तत्पर रहते हैं। पार्टी के लिए 1994 से अब तक हुए सभी कार्यक्रमों में वी.एम यादव की सक्रीय भागीदारी रही है। पार्टी की ओर से आंदोलन करते हुए उन्हंे कई बार जेल भी जाना पडा। इस प्रकार पार्टी ज्वाइन करने के बाद से अब तक वी.एम यादव इसौली और सुल्तानपुर में खासी चर्चा में बने हुए हैं। 

 इस दौरान खबर है कि वीएम यादव ने एक बार फिर 2022 विधानसभा चुनाव के लिए इसौली से समाजवादी पार्टी से टिकट मांगा है। इस बार इस बात की पूरी संभावना है कि पार्टी नेतृत्व अपने इस जुझारू और समर्पित कार्यकर्ता का संज्ञान लेगा और इसौली को एक बेहतर उम्मीदवार पार्टी की ओर से देगा। वैसे भी मौजूदा विधायक अबरार अहमद को लेकर क्षेत्र की जनता और पार्टी कार्यकर्ताआंे में असंतोष की लहर है। 
अबरार पर जाति और धर्मभेद के तहत कार्य करने और पार्टी कार्यकर्ताआंे की अनदेखी करने के आरोप लगे हैं और पार्टी स्तर से ही उनका खुलकर विरोध हुआ है। दूसरी ओर वी एम यादव हैं जिनके समर्थन मंे हजारों की संख्या में मौजूदा व पूर्व ग्राम प्रधानों ने सपा मुखिया को पत्र लिखकर उम्मीदवारी दिए जाने की मांग की है। 
इसौली क्षेत्र के हजारों ग्राम प्रधानों ने इसी प्रकार का अनुरोध पत्र सपा मुखिया को बीएम यादव को टिकट देने के लिए भेजा है

 अब देखना यह है कि सपा नेतृत्व वी.एम यादव को इसौली से अपना उम्मीदवार कब घोषित करती है। वैसे वी.एम यादव के संबंध सपा के राष्ट्रीय संरक्षक मुलायमसिंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, पार्टी के कद्दावर नेता रामगोपाल यादव, प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल सहित सभी प्रमुख नेताओं से मधुर हैं जिसे देखते हुए इसौली में खासकर सपा कार्यकर्ताआंे में इस बार वीएम यादव को ही इसौली से विधानसभा का टिकट मिलने की चर्चा चल रही है।
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