पुणे में उत्तर भारत के 100000 से अधिक श्रमिकों ने गांव जाने के लिए कराया रजिस्ट्रेशन
अब तक उत्तर भारत की ओर 8 ट्रेनें रवाना, दो उत्तर प्रदेश की
जिला अधिकारी नवल किशोर राम ने प्रेस वार्ता में दी जानकारी
कहा- पुणे जिले से श्रमिकों को बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने मे मध्य प्रदेश अव्वल
पुणे, भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो रिपोर्ट : पुणे में उत्तर प्रदेश और बिहार राज्य के ही 45 हजार से अधिक श्रमिकों ने गांव जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है जबकि समूचे पुणे जिले में रह रहे प्रवासी श्रमिकों का यह आंकड़ा जो कि गांव जाना चाहते हैं एक लाख से अधिक का है . अभी तक उत्तर भारत की ओर 8 ट्रेनें रवाना की जा चुकी है इनमें से दो ट्रेन उत्तर प्रदेश के लिए भेजी गई है. आने वाले दिनों में 20 और ट्रेनों का नियोजन विभिन्न राज्यों के लिए किया गया है जिसमें आज सोमवार शाम को ही कुछ ट्रेन रवाना हो रही है. इस प्रकार पुणे जिला प्रशासन पुणे में फंसे उन श्रमिकों को जो गांव जाने के इच्छुक हैं उनके मूल गांव भेजने के प्रति प्रतिबद्ध है. यह जानकारी पुणे के जिला अधिकारी नवल किशोर राम ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई एक प्रेस वार्ता में भगीरथ प्रयास की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी. उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इंडस्ट्री शुरू हो जाने के बाद अब गांव जाने का विचार बदलकर यही रुकना चाहते हैं ऐसे लोगों के लिए प्रशासन सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था कर रहा है.
गांव जाने के इच्छुक लोगों की जानकारी देते हुए जिला अधिकारी ने बताया कि एक ट्रेन में औसतन 12 से लोग जाते हैं. यह सभी एक ही राज्य के होने चाहिए. जब एक ट्रेन के यात्रियों की व्यवस्था हो जाती है तो उसका एक प्रस्ताव बनाकर संबंधित राज्य को भेजा जाता है. इसी प्रकार बिहार को जो प्रस्ताव भेजे गए हैं उसमें से बिहार राज्य सरकार ने 10 प्रस्ताव को अप्रूवल दे दिया है. मध्य प्रदेश ऐसा राज्य है जो किसी भी प्रस्ताव को अप्रूवल देने में अधिक विलंब नहीं करता है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है पूरे देश में उसके लोग हैं उस अनुपात में पुणे से अभी तक उत्तर प्रदेश के लिए दो ट्रेन यानी जो प्रस्ताव मंजूर हुए हैं उनके लिए दो ट्रेन रवाना की गई है. आने वाले दिनों में कुछ और ट्रेन उत्तर प्रदेश के लिए छोड़ी जाएंगी. इन ट्रेनों की संख्या कितनी होगी यह उत्तर प्रदेश सरकार को पुणे जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर मिलने वाले अप्रूवल पर निर्भर होगा.
जिलाधिकारी ने बताया कि समूचे पुणे जिले में एक लाख से अधिक लोगों ने गांव जाने की इच्छा जताई है और रजिस्ट्रेशन कराया है जिसमें से 32816 उत्तर प्रदेश के लोग हैं 13000 से अधिक बिहार के लोग हैं 10,000 से अधिक मध्य प्रदेश के लोग हैं इसी प्रकार राजस्थान छत्तीसगढ़ झारखंड और पश्चिम बंगाल के लोगों का भी समावेश है.
पुणे जिला प्रशासन पुणे में फंसे और गांव जाने के इच्छुक सभी श्रमिकों को उनके गृह नगर भेजने के लिए प्रबंध कर रहा है इसलिए किसी को पैदल चलने की आवश्यकता नहीं है आज नहीं तो कल आपका भी नंबर आएगा आप अपनी बारी की प्रतीक्षा करें.