घरों में अवैध कारखाना लगाकर बनाया जा रहा लाखों रुपए का मावा गुटका जप्त अहमदनगर के नेवासे में पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई

अहमदनगर, भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क विशेष प्रतिनिधि विक्रम बनकर की रिपोर्ट : अहमदनगर पुलिस ने आज निवासी तहसील क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक घर में बनाए जा रहे मामा गुटका का बड़ा स्टाफ बरामद किया है यह लाखों रुपए का माल बताया जा रहा है. लॉक डाउन के इस दौर में इस मावा को चोरी-छिपे ग्राहकों तक पहुंचाया जाता था.


 


सूत्रों ने बताया कि जिला पुलिस अपराध जांच शाखा पुलिस की टीम ने नेवासे शहर में गुप्त रूप से घरों में चलाए जा रहे मामा गुटका के कारखानों पर छापा मारा और लाखों रुपये जब्त किए। 


  इस मामले में तीन बड़े मामा माफियाओं को पुलिस ने हिरासत में लिया । घर में कारखाना लगाकर बनाए जा रहे इस मावा गुटखा की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर नेवादा तालुका में सबसे बड़ा पुलिस ऑपरेशन भी माना जा रहा है।  


 


जिला अपराध जांच शाखा द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, उनकी पुलिस टीम ने शनिवार दोपहर नेवासे के पुराने कोर्ट स्ट्रीट इलाके में तीन घरों में चलाए जा रहे मावा कारखाने पर छापा मारा। 


इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए पुलिस सूत्रों ने बताया कि छापे में पुलिसकर्मियों को चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है . पता चला है कि इस मामा गुटखा में घातक पदार्थ मिलाए जाते थे. इससे इस मामा गुटका का स्वाद तो बढ़ जाता था किंतु यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अत्यंत ही हानिकारक बताया गया है. 


  


नेवसे शहर सहित तालुका में कई जगहों पर गुटखा, मावा बनाने का काम जोरों पर है। वास्तविकता यह है कि कई युवा इस पेशे की ओर रुख कर रहे हैं। राजकोट का गुटखा सरकारी नाकाबंदी के कारण बंद हो गया था, लेकिन उल्टा बढ़ रहा है। पांच रुपये में गुटखे की पुड़िया अब आठ से दस रुपये में उपलब्ध थी। हालांकि, कोरोना की पृष्ठभूमि में लॉक-डाउन अवधि के दौरान, वही मावा 50-60 रुपये में बेचा जा रहा है। कम परिश्रम और कम समय और कम लागत के कारण कई लोग इस पेशे की ओर आकर्षित हो रहे हैं। हालांकि, यह आश्चर्य की बात है कि खाद्य और दवा विभाग व्यवसाय पर कार्रवाई नहीं कर रहा है।


 


उल्लेखनीय है कि इस पूरे इलाके का निरीक्षण नियमित रूप से ड्रोन कैमरे से किया जाता है बावजूद इसके अब तक मावा बनाने वालों कारखानों को अब तक चिन्हित नहीं किया जा सका था.जिस इलाके में पुलिस ने छापा मारा, उस इलाके में मावा फैक्ट्री और इलाके में रोजाना भीड़ इस ड्रोन कैमरे में देखी जाती थी। वास्तव में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यहां ढूंढ कैमरों का इस्तेमाल पिछले कुछ दिनों से हो रहा था. 


 बहर हाल अब जबकि मावा कारखानों पर पुलिस की नजर पड़ी है और यह कार्रवाई की गई है कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है तो स्थानीय लोगों ने इसका स्वागत किया है. 


 


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