संदिग्ध मरीजों व परिजनों का तिरस्कार न किया जाए, अन्यथा कार्रवाई सोसाइटियों के पदाधिकारियों को जिला प्रशासन की चेतावनी

पुणे भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो रिपोर्ट : 





जिन संदिग्ध मरीजों को उनके घर में ही आइसोलेशन के तहत विलग कक्ष में रखा गया है, ऐसे मरीजों अथवा उनके परिजनों का सोसाइटियों के लोगों और पदाधिकारियों द्वारा तिस्कार किए जाने की सूचनाएं जिला प्रशासन को मिल रही हैं, यदि कोई पदाधिकारी या व्यक्ति अथवा व्यक्तियों का समूह ऐसा करते हुए पाया जाएगा, या कि इसकी पुष्टि होगी ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह चेतावनी आज एक संवाददाता सम्मेलन में पुणे के जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने प्रेस के माध्यम से संबंधितों को दी।
 जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने कहा कि, कोरोना का संक्रमण हो जाना या फिर कोरोना जैसे लक्षण किसी व्यक्ति के शरीर में दिख जाना कोई अपराध नहीं है। भारत ही नहीं विश्व के किसी भी देश में इसे अपराध नहीं माना गया है। अतः कोरोना प्रभावित व्यक्ति या उसके परिजनों का तिरस्कार किया जाना पुणे जैसे सुसंस्कृत शहर के लिए शोभा नहीं देती है। ऐसे व्यक्तियों का तिरस्कार नहीं किया जाना चाहिए।
 जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि ऐसे व्यक्ति या उसके परिवार से दूरी बनाकर रखें, सतर्कता बरतें और अधिक नजदीक न जाएं, संक्रमण टालें लेकिन उनको सोसाइटी से बहिष्कृत करने और इस प्रकार के अन्य उत्पीडन के मामले विधि विरूद्ध हैं और यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ अपराधिक कार्रवाई की जाएगी जिसके तहत ऐसा अपराध करने वाले व्यक्ति या व्यक्तियों को 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है। 



 


 


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