महाराष्ट्र में अघोषित कोरोना कर्फ्यू जैसे हालात ,धारा 144( 1) लागू, धारा 188 भी प्रभावी, सभी शैक्षिक संस्थान नहीं खुलेंगे मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च सहित सभी धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं के लिए बंद

बाजारों में भी पसरा सन्नाटा, जीवन आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य वस्तुओं की दुकानों पर भी भीड़ न जमा करने का आदेश



पुणे  भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो रिपोर्ट ; 


 दुनिया भर के लिए मुसीबत के सबब बने कोरोना संक्रमण का खौफ भारत में खासकर महाराष्ट्र में कुछ अधिक ही बढ़ गया है.


 कोरोना जैसी संक्रामक बीमारी के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई पुणे नागपुर नासिक जैसे बड़े शहरों के साथ ही समूचे महाराष्ट्र के लिए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसके तहत अगले आदेश तक के लिए मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च बौद्ध स्थल जैसे सभी धर्म स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है. 


 रात दिन जगने वाली और भीड़-भाड़ से सदैव गज बजाने वाली मायानगरी मुंबई में धारा 144 लागू कर दी गई है जबकि यहां पुणे और पिंपरी-चिंचवड में धारा 144 ( 1)   लागू कर दी गई है . इसके अलावा पुणे और पिंपरी चिंचवड सहित समूचे पुणे जिले में धारा 188 पहले से ही प्रभावी है. इन धाराओं के तहत दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले के लिए 6 महीने तक की जेल का भी प्रावधान है. 


पुणे मुंबई सहित राज्य के तमाम जिलों में खासकर उन स्थानों पर जहां कोरोना संक्रमित मरीज या संदिग्ध पाए जा रहे हैं स्कूल कॉलेज सभी प्रकार के शैक्षिक संस्थान सभी सामाजिक राजनीतिक धार्मिक कार्यक्रमों,  शादी ब्याह और सगाई जैसे भीड़-भाड़ जुटने वाले कार्यक्रमों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है. 


 इसके अलावा शॉपिंग मॉल्स सिनेमाघरों थियेटरों,  सभी पार्कों,  घूमने वाले बाग बगीचा,  खेल के मैदान और खेलों के कार्यक्रम   आदि पर पाबंदी लगाते हुए महानगर पालिका नगर पालिका आदि को भी आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. 


जीवन आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य वस्तुओं की दुकानों को भी या तो न खोलने के निर्देश हैं या फिर अगर दुकानें खुलती है तो इन दुकानों पर भीड़ ना जमा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. 


आपको बता दें कि राज्य सरकार कोरोना को महामारी घोषित कर चुकी है . महाराष्ट्र पूरे देश में ऐसा पहला राज्य है जिसमें अब तक कोरोना के सर्वाधिक 33 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं.  महाराष्ट्र में सर्वाधिक पॉजिटिव मरीज पुणे में है इनकी कुल संख्या आज सोमवार 16 मार्च शाम तक 16 है पुणे में सर्वाधिक पॉजिटिव मरीजों की संख्या पिंपरी-चिंचवड में है जिसका कुल आंकड़ा 9 है.


 पुणे के बाद दूसरे नंबर पर मुंबई आ गया है मुंबई में भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले दो दिनों में तेजी से बढ़ी है. 


इसके अलावा नागपुर नासिक और अहमदनगर में भी कोरोना की पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. 
हालांकि इस संबंध में प्रशासन का कहना है कि पॉजिटिव पाए गए मरीजों में से ज्यादातर मरीज वह हैं जो विदेश यात्रा करके लौटे हैं लेकिन पुणे में अब तक 5 मरीज ऐसे पाए गए हैं जो विदेश यात्रा से संक्रमित होकर आए लोगों के कांटेक्ट में आने से संक्रमित हुए हैं.  यही वजह है कि राज्य सरकार और पुणे जिला प्रशासन राज्य में सबसे अधिक ध्यान पुणे पर दे रहा है. 


पुणे के जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने एक आदेश में कहा है कि 31 मार्च तक पुणे जिले के सभी शॉपिंग मॉल बंद रहेंगे यह अलग बात है कि बंदी के दौरान भी इन शॉपिंग मॉल्स में किराना सामान दवाएं और अन्य अत्यावश्यक वस्तुओं खाद्यान्न सब्जी आदि की दुकानें यदि है तो उसे खोला जा सकता है. 


 बंद बंद का यह आदेश 31 मार्च, 2020 तक प्रभावी रहेगा इस आशय का एक ताजा आदेश जिला कलेक्टर और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष नवल किशोर राम द्वारा  दिया  गया है छोड़कर। 


 इस आदेश में कहा गया है कि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 13 मार्च, 2020  को संक्रामक रोग निवारण अधिनियम 1897 के तहत धारा 2, 3, और 4 के प्रावधानों के अनुसार अधिसूचना जारी की है।  


कलेक्टर राम ने कहा कि सरकार के इस आदेश की अवहेलना करने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को भारतीय दंड संहिता 1860 (45) की धारा 188 के तहत दंडनीय अपराध माना जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी।  जिलाधिकारी राम ने आज पुणे और पिंपरी-चिंचवड में धारा 144 (1) लागू कर दिया है.


 जिला अधिकारी का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है जिससे लोग को रोना की गंभीरता को समझें और को रोना संक्रामक रोग के फैलाव को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का अक्षरश:  पालन करें. 


जिलाधिकारी नवल किशोर राम और विभागीय आयुक्त दीपक मेंसेकर ने  आज सोमवार 16 मार्च को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह जो व्यवस्था दी गई है इससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है हम नागरिकों पर किसी प्रकार की बंदिश नहीं लगाना चाहते हैं किंतु कोरोना को रोकना है तो इस प्रकार के कुछ कड़े कदम उठाने आवश्यक हैं उन्होंने कहा कि जनता सब समझ रही है हमें विश्वास है जनता कोरोना के रोकने के लिए प्रशासन का सहयोग करेगी. 


 इस बीच एक ताजी जानकारी यह आई है कि जिन लोगों को संक्रमित होने के संदेह में उनके घरों पर ही विलग कक्ष में रखा गया है अर्थात आइसोलेशन में रखा गया है, उन लोगों के हाथ पर एक विशिष्ट प्रकार का ठप्पा लगा दिया जाएगा. इससे यदि ऐसे लोग विलग कक्ष  छोड़ कर घर से बाहर निकलते हैं तो उनकी आसानी से पहचान की जा सकेगी और उन्हें फिर से विलग कक्ष जोकि अस्पताल भी हो सकता है में रखा जा सकेगा. 


पुणे के विभागीय आयुक्त दीपक मेंसेकर ने कहा किसी एक व्यक्ति के लिए पूरे समाज को खतरे में नहीं डाला जा सकता है इसलिए यदि कहीं कोई ऐसा मामला पाया जाता है तो संबंधित व्यक्ति और उसके परिजनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. 


 आपको बता दें कि आज पिंपरी चिंचवड के वाईसीएम अस्पताल के विलग कक्ष में रखी गई एक महिला अचानक उठकर अस्पताल से गायब हो गई थी इस महिला को ढूंढने के लिए प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरों का सहयोग लिया और कुछ देर में यह महिला पकड़ ली गई और उसे वापस अस्पताल लाया गया. प्रशासन का मानना है कि यह महिला यदि समाज में खुली घूमती तो इससे समाज के संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया था. 


बाहर हाल धीरे-धीरे महाराष्ट्र के बाजारों में सन्नाटा पसर रहा है यह सन्नाटा मंगलवार से कुछ अधिक ही हो जाएगा क्योंकि मंगलवार से महानगरपालिका भी आम लोगों के लिए अपने दरवाजे बंद कर रही है साथ ही श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक स्थल भी बंद हो जाएंगे और सिर्फ जीवन आवश्यक वस्तुएं ही बाजार में उपलब्ध होंगी. 


प्रशासन का कहना है कि यदि जनता ने सहयोग किया तो यही स्थिति बहुत जल्द सुधर जाएगी इसलिए सब से सहयोग की अपील है आप अपने घरों में रहें सुरक्षित रहें बाहर ना निकले जिससे हालात जल्द ही बेहतर हो जाएंगे.


पुणे से भगीरथ प्रयास के लिए पुष्कर महाजन के साथ मुख्य संपादक लवकुश तिवारी और मुंबई से  भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क के ब्यूरो चीफ विनोद प्रताप सिंह की रिपोर्ट.


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