कोरोना से देश में पहली मौत, मुंबई में भी दो प्वाजिटिव पुणे में आपदा प्रबंधन कानून प्रभावी, बुधवार को नए मरीज नहीं

नई दिल्ली/ मुंबई/ पुणे भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो रिपोर्ट : कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। दुनियाभर में अबतक 4000 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। चीन के बाद लगभग हर द्वीप तक कोरोना पहुंच चुका है। भारत भी इसकी चपेट में है। कर्नाटक के गुलबर्गा शहर में आज कोरोना बाधित एक मरीज की मौत हो गई है। इस प्रकार कोरोना से जहां भारत में पहली मौत का दुखद व सनसनीखेज समाचार आया है वहीं  पुणे के बाद अब देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी कोरोना के 2 और पॉजिटिव केस मिले हैं। इसको लेकर महाराष्ट्र में कोरोना के कुल 7 मामले हो गए हैं। इस बीच ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने समीक्षा बैठक करके तैयारियों का जायजा लिया है।  


 पुणे में कोरोना प्रभावित संदिग्ध मरीजों को खोजने विशेष दल गठित


कोरोना वायरस के परिप्रेक्ष्य में आज बुधवार 11 मार्च को जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने जिलाधिकारी कार्यालय में संबंधित विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में सभी उप विभागीय अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, दोनों महानगर पालिकाओं के अधिकारियों, निजी अस्पतालों के प्रमुखों आदि को शामिल किया गया। बैठक में सभी को आवश्यक निर्देश दिए गए साथ ही कोरोना वायरस को लेकर जानजागृति करने का भी आदेश दिया गया।



 जिलाधिकारी कार्यालय में संपन्न हुई इस बैठक में
पुणे मनपा की अतिरिक्त आयुक्त रूबल अग्रवाल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आयुष प्रसाद, अपर जिलाधिकारी साहेबराव गायकवाड, निवासी उपजिलाधिकारी डॉ. जयश्री कटारे आदी उपस्थित थे।



 जिलाधिकारी राम ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के संपर्क में आए व्यक्तियों की जानकारी जुटाने के लिए तथा अन्य आवश्यक सावधानी बरतने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों में राजस्व, स्वास्थ्य, पुलिस और महानगर पालिका के अधिकारियों कर्मचारियों को शामिल किया गया है।



 इस टीम का यह काम होगा कि कोरोना प्रभावित मरीज जिस इलाके में गया होगा उन स्थानों पर जानकारी संकलित करें और कोरोना बाधित अथवा संक्रमित व्यक्तियों के बारे में पता लगाएं और यदि कोई संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसे तुरंत नायडू अस्पताल लाकर उपचार के लिए भर्ती करवाएं। इसके लिए विशेष एंबूलेंस का भी प्रबंध जिला प्रशासन की ओर से करवाया गया है। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों से समन्वय बनाकर काम करने को भी कहा है। 


कोरोना : पुणे में आपदा प्रबंधन कानून प्रभावी: जिलाधिकारी


कोरोना संनियंत्रक अधिकारी के रूप में डॉ. अशोक नंदापुरकर व डॉ. भगवान पवार की नियुक्ति


 देश दुनिया के साथ ही पुणे शहर और पुणे जिले में आए कोरोना संकट की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आज बुधवार 11 मार्च 2020 से पुणे शहर सहित समूचे पुणे जिले में आपदा प्रबंधन कानून जिला प्रशासन की ओर से प्रभावी कर दिया गया है। यह घोषणा जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने एक आदेश के माध्यम से की है। बाद में इसी संबंध में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि कोरोना के संनियंत्रक अधिकारी के रूप में जिला शल्य चिकित्सक डॉ. अशोक नंदापुरकर व पुणे जिला परिषद के जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भगवान पवार की नियुक्ति की गई है।


 उन्होंने बताया कि आपदा प्रबंधन कानून 2005 के अनुसार जिलाधिकारी की अध्यक्षता में व्यवस्थापन प्राधिकरण की स्थापना की गई है। अंतरराष्ट्रीय व देशांतर्गत कोरोना विषाणु संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। पुणे शहर व जिला भी इससे अछूता नहीं रह गया है। विदेशों से व घरेलू विमान सेवाओं से यात्री भारत और अन्य स्थानों पर आ जा रहे हैं। इससे कोरोना के संदिग्ध मरीज पुणे में भी मिल रहे हैं। कोरोना संक्रमण बढने की आशंका को ध्यान में रखते हुए उस पर तत्काल नियंत्रण करने व विषाणु संक्रमण और अधिक न बढने देते हुए तत्काल इसे आपदा के रूप में लेते हुए उपाययोजना करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी नवल किशोर राम ने कहा कि उक्त संदिग्ध मरीजों की वजह से आपदाजनक स्थिति न बन जाए इसलिए इस संबंध की सभी पूर्व तैयारियां युद्धस्तर पर की जानी हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्थापना करते हुए जिलाधिकारी के नाते मैं पुणे जिले में आपदा प्रबंधन कानून प्रभावी कर दिया है। संनियंत्रक के रूप में जिन दो अधिकारियों की नियुक्ति की गई है उन्हें उपाययोजना करने के लिए आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं साथ ही कोरोना विषाणु संक्रमण के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयार की गई मार्गदर्शक पुस्तिका का अक्षरशः पालन किया जाए।


 जिलाधिकारी ने बताया कि स्वतंत्र चिकित्सकीय दल तैयार कर पूरे समय इनकी तैनाती करने और मरीजों के लिए स्वतंत्र एंबूलेंस हर समय तैयार रखने का भी आदेश दिया जा चुका है। इसके अलावा कोरोना विषाणु संक्रमण को लेकर जन जागरण करने व जानकारी देने के लिए स्वतंत्र सूचना कक्ष व मदद केंद्र स्थापन करने के संबंध में भी आदेश जारी किए गए हैं। टोल फ्री क्रमांक 104 कार्यान्वित करें, व कार्यान्वित होने की पुष्टि करें। राज्यस्तरीय नियंत्रण कक्ष क्रमांक व राष्ट्रीय कॉल सेंटर क्रमांक 91-11-23978046 नंबर की जानकारी आम लोगों को जिला सूचना अधिकारी के माध्यम से दी जाए, ऐसा भी आदेश दिया गया है। इसके अलावा इसकी दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन जिलाधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करवाए जाने संबंध में भी आदेश जारी किए गए हैं। अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून से आम लोगों को प्रभावित अथवा भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है यह जिले के अधिकारियों को युद्धस्तर पर कार्यरत करने के लिए जारी किया गया है। 


 


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