सुल्तानपुर के एक और गांव प्रधान की खुली कलई! कागजों में काम करवा कर निकाल लिए लाखों रुपए

लंभुआ /सुल्तानपुर से भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क विशेष प्रतिनिधि आशुतोष उपाध्याय की रिपोर्ट : गांव पंचायत के अंतर्गत रहने वाली जनता के हकों पर डाका डालने का एक और मामला सामने आया है। यहां लंभुआ इलाके के ग्रामसभा भरखरे में ग्राम प्रधान और पंचायत सेक्रेटरी की मिलीभगत से लाखों रुपए के घोटाले का अंदेशा जानकारों द्वारा व्यक्त किया जा रहा है।  


 


भरखरे गांव के निवासियों का कहना है कि ग्राम प्रधान ने पंचायत सेक्रेटरी को मिलाकर सरकारी कोष से पैसे तो निकाल लिए किंतु जिस मद के लिए यह पैसे निकाले गए उस मद में यह पैसे लगे ही नहीं, धरातल पर कुछ कार्य हुआ ही नहीं, जो कार्य हुआ वह सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रहा है । इसे लेकर ग्राम वासियों में खासा आक्रोश है। 


 


भरखरे ग्राम सभा के जागरूक नागरिकों द्वारा ग्राम पंचायत के अंतर्गत कराए गए कार्यों का विवरण जन सूचना अधिकार के तहत पंचायत सेक्रेटरी से मांगा गया तो पंचायत सेक्रेटरी ने आधी अधूरी जानकारी जो कि काफी कुछ भ्रामक है जन सूचना मांगने वाले व्यक्ति को दे दी । 


 


 ग्राम वासियों का कहना कि जनपद- सुल्तानपुर , तहसील- लंभुआ, के ग्राम सभा- भरखरे में ग्राम प्रधान द्वारा पांच वर्षों में कोई भी विकास कार्य नही कराया गया है । गांव के लोगो द्वारा ग्राम में कराये गये कार्य सन (2017-18 व 19) के आय- व्यय का व्योरा जनसूचना के तहत मांगा गया तो ग्राम विकास अधिकारी द्वारा दो महीने बाद अधूरे तरीके से यह जानकारी दी गई जिसमें बताया गया कि -


2017 - 18 में आय - ₹ 11,95,421 और व्यय - 21,85,386 व


2018-19 में आय- 


₹ 19,13,318 और 


व्यय -17,50,879 हुआ है। 


 


 आय व्यय के इस ब्योरे के साथ यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह व्यय कहां किस मद में किया गया है। ऐसी जानकारी देने से ग्राम प्रधान और पंचायत सेक्रेट्री की सारी पोल खुल जानी थी जिसे पंचायत सेक्रेट्री की ओर से जानबूझकर छिपाया गया। 


 


पंचायत सचिव महोदय ने खर्च तो दिखाया और लाखों का खर्च दिखाया जबकि गांव में एक भी कार्य नही हुआ है । गांव में चल रही इस घोटालेबाजी की जानकारी संबंधित उच्चाधिकारियों को भी दी गई, एक नहीं अनेकों शिकायतें हुई किंतु कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ क्योंकि गांव पंचायत और खंड विकास कार्यालय से लेकर विकास भवन तक के अधिकारियों को इस घोटाले बाजी का शेयर मिलने की चर्चा आमतौर पर जिलेभर में होती है जिसका संज्ञान बखूबी उच्चाधिकारियों को भी है किंतु , वाह रे सरकार और उसके तंत्र! नीचे से ऊपर तक के सभी संबंधित अधिकारी जब बात गांव पंचायत में हुए कार्यों के गबन की आती है तो आंख मूंद कर बैठ जाते हैं। 


 


वास्तव में उत्तर प्रदेश का पंचायती राज सिस्टम ही पूरा भ्रष्ट हो चुका है जिसे सुधारे जाने की अत्यंत आवश्यकता है। आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में पंचायतों के चुनाव होने हैं। पंचायत चुनाव में दिल खोलकर खर्च करने के लिए ग्राम प्रधान इन दिनों विकास कार्य कम करवा रहे हैं और कागजों पर विकास दिखाकर खर्च राशि जमकर निकाल रहे हैं। लंभुआ के भरखरे गांव में भी यही सब चल रहा है इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। 


 


 


जांच के लिये कई पत्र दिए गये परंतु अधिकारियों द्वारा सही तरीके से जांच नही की जाती है । जिससे गांव का विकास रुका पड़ा है और अधिकारी लोग ग्राम सभा के पैसों की बर्बादी कर रहे है ।


 


 उल्लेखनीय है कि प्रदेश की योगी सरकार गांव पंचायत के इस मोर्चे पर पूरी तरह फेल दिखाई दे रही है। जिस प्रकार पूर्ववर्ती सरकारों में गांव पंचायतों में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा था वह सिलसिला आज भी बखूबी जारी है।  


 


योगी सरकार ने गांव पंचायतों के इस भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए अब तक कोई अहम कदम नहीं उठाया है। यदि यही हालात रहे तो आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा निश्चित ही योगी सरकार और भारतीय जनता पार्टी को उठाना पड़ सकता है क्योंकि अधिकांश मतदाता गांव पंचायतों के ही होते हैं। 


 


बहर हाल सुल्तानपुर जिले के लंभुआ भर खरे ग्राम पंचायत में हुई अनियमितताओं और विकास कार्य न करते हुए निकाल लिए गए पैसों के मामलों का संज्ञान उच्चाधिकारियों को लेना ही होगा अन्यथा यह मामला अब तूल पकड़ते देर नहीं लगेगी जिसमें कई उच्चाधिकारी भी नप सकते हैं। 


 


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