गांधीजी को दोबारा नहीं मारने देंगे इसीलिए निकाली गई गांधी शांति यात्रा : यशवंत सिन्हा
कहा- नागरिकता का काला कानून सरकार वापस ले
पुणे, भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो चीफ पुष्कर महाजन की रिपोर्ट :
नागरिकता संशोधन नाम का काला कानून यह देश कतई सहन नहीं करेगा इसलिए सरकार को इसे वापस लेना ही पड़ेगा हमारी मांग है कि सरकार इसे जल्द से जल्द वापस ले। इसी मूल मांग को लेकर गांधी शांति यात्रा निकाली गई क्योंकि हम गांधी को दोबारा नहीं मरने देंगे। यह प्रतिपादन आज यहां पुणे में वरिष्ठ नेता पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने किया। यशवंत सिन्हा यहां गांधी भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई से नई दिल्ली स्थित राजघाट तक निकाली गई गांधी संदेश यात्रा आज 9 जनवरी को पुणे पहुंची। गांधी संदेश यात्रा का यहां पुणे के कोथरूड स्थित गांधी भवन में डॉ कुमार सप्तर्षी, अन्वर राजन,शिवाजीराव कदम, अभय छाजेड आदि ने बड़ी ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
गांधी संदेश यात्रा के पुणे पहुंचने पर यशवंत सिन्हा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रतिपादन किया था। गांधी संदेश यात्रा में अभिनेता और अब कांग्रेस पार्टी के नेता शत्रुघ्न सिन्हा, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण
, डॉ कुमार सप्तर्षी,आशिष देशमुख उपस्थित थे।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने आगे कहा कि आज जो कुछ हो रहा है वह गांधी जी के विचारों की विपरीत है। नागरिकता संशोधन कानून यह एक काला कानून है और विभाजन कारी कानून है इस विभाजन कारी काले कानून को सरकार संसद में वापस ले यह हमारी मूल मांग है इसके साथ ही एनआरसी पर भी सरकार विराम लगाए।
सिन्हा ने कहा कि यनपीआर एनआरसी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में यह दावा किया था कि एनआरसी तो होकर रहेगी। इससे देश में भय का वातावरण बन गया है। सरकार इसे धार्मिक रंग देने की कोशिश में है।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज देश के विश्वविद्यालयों में केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हिंसा हो रही है ऐसी हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 21 दिवस की यह गांधी संदेश यात्रा इन्हीं बातों को लेकर निकाली गई है।
सिन्हा ने बताया कि 30 जनवरी को राजघाट पर समाज के सभी वर्ग के लोग एकत्र होंगे और उसी दिन इसका समापन एक नए संकल्प के साथ होगा। सिन्हा ने कहा देश के सभी क्षेत्रों में गांधी संदेश यात्रा का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि देश की जनता आज भी गांधीजी के विचारों की ही रास्ते पर चलना पसंद कर रही है।
इसी संवाददाता सम्मेलन में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मौजूदा समय में देश के खिलाफ काम हो रहा है देश की शांति खतरे में पड़ गई है। देश को इसकी कीमत भुगतनी पड़ रही है। पूर्व सीएम ने कहा मौजूदा सरकार अपने छुपे एजेंडे को धीरे-धीरे करके बाहर ला रही है और उस पर काम कर रही है। वास्तव में यह गांधीजी के विचारों की हत्या करने की नापाक कोशिश है हम गांधी जी के विचारों की हत्या नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि राजनैतिक विचारों से दो कदम आगे बढ़ते हुए संविधान के विचार की लड़ाई लड़ी जाने की आवश्यकता है। इस लड़ाई में समाज के सभी वर्गों के लोगों को आगे आना होगा।
संवाददाताओं को संबोधित करते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि देश का युवा वर्ग आज अशांत है। युवा शक्ति उद्वेलित है जिससे लगता है एक बार फिर जयप्रकाश नारायण का आंदोलन जैसा वातावरण देश में बन गया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के आकार की वजह से यह परिस्थिति बनी है। देश के प्रधानमंत्री ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा अभिनेता मैं हूं किंतु मुझे ऐसा लगता है कि मुझसे बड़े अभिनेता इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं उनके भाषण से अभिनय साफ झलकता है। प्रधानमंत्री बोलते कुछ हैं और करते कुछ और हैं। यही वजह है कि आज सभी जाति धर्म के लोग संविधान की रक्षा के लिए सड़क पर उतर रहे हैं।
बता दें कि इस संवाददाता सम्मेलन के बाद यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा तथा पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान आदि ने यहां पुणे के कोथरुड में एक जनसभा को भी संबोधित किया और उपरोक्त मुद्दों को जनता के सामने बड़े ही तीखे अंदाज में उठाया तथा केंद्र सरकार खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अपने तीखे बाणों के निशाने पर लिया।
स्मरण रहे यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से रहे हैं और अब जबकि उन्हें भाजपा में कोई खास तवज्जो नहीं मिली तो वह कांग्रेस पार्टी के साथ आ गए हैं इसका दर्द भी इस अवसर पर छलके बिना नहीं रहा।