पुणे, भगीरथ प्रयास न्यूज़ नेटवर्क ब्यूरो चीफ पुष्कर महाजन की रिपोर्ट : शिवसेना सांसद पूर्व पत्रकार संजय राउत ने आज पुणे में एक के बाद एक कई बडे धमाके किए हैं। यहां उन्होंने एक निजी चैनल को साक्षात्कार देते हुए कहा कि मुंबई ने वह दौर भी देखा है जब यहां अंडरवर्ल्ड डाॅन करीम लाला की तूती बोलती थी। आलम यह था कि करीम लाला से खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी मिलने के लिए मुंबई आती थीं। संजय रावत के इस ताजा बयान ने उनके गठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी को एक बार फिर बैकफुट पर ला दिया है। ध्यान रहे महाराष्ट्र की सरकार शिवसेना कांग्रेस और राष्ट्रवादी की साझा सरकार है।
अपने बयान में संजय राउत ने आगे कहा कि यह वह दौर था जब करीम लाला महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और अधिकारी तय किया करता था। लाला जब भी मंत्रालय आता था किसी हीरो की तरह उसे देखने के लिए नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों की भीड जमा हो जाया करती थी।
राउत ने मुंबई में अंडरवर्ल्ड के दिनों को याद करते हुए कहा कि दाऊद इब्राहिम छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे गैंगस्टर महानगर और आस-पास के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते थे.
संजय राउत ने कहा कि वे तय करते थे कि पुलिस आयुक्त कौन बनेगा, मंत्रालय (सचिवालय) में कौन बैठेगा. राउत ने दावा किया कि हाजी मस्तान के मंत्रालय में आने पर पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए नीचे आ जाता था. इंदिरा गांधी पाइधोनी (दक्षिण मुंबई में) में करीम लाला से मिलने आती थीं।
इससे पहले संजय राउत ने एक समारोह में भाग लेते हुए शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले पर भी करारा प्रहार किया और कहा कि पहले उदयन राजे यह प्रमाण लाएं कि वह छत्रपति शिवाजी महाराज के असली वंशज हैं।
राउत ने इसी प्रकार के एक अन्य विस्फोटक बयान में आज कहा कि मैं न केवल अंडरवर्ल्ड डाॅन दाउद से मिला हूं, उसके फोटोज निकाले हैं बल्कि उसे धमकाया भी है। राउत ने कहा कि मैं सामना का पत्रकार था और सामना के संपादक फायरब्रांड नेता बालासाहेब ठाकरे थे। उन्होने मुझे ऐसे अनेक लोगों से मिलवाया था।
इसके अलावा भी संजय राउत ने आज एक से बढकर एक चैंकाने वाले बयान पुणे में दिए हैं।
बताने की आवश्यकता नहीं है कि संजय राउत मौजूदा समय में शिवसेना से राज्यसभा सांसद हैं और शिवसेना में नंबर दो की हैसियत रखते हैं। आज महाराष्ट्र में शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री हैं। पिछले कुछ दिनों से बयान देने के मामले में संजय रावत ने कांग्रेस पार्टी के दिग्विजय सिंह को भी पीछे छोड़ दिया है।