कोलकाता: नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ भड़की हिंसा ने पूरे राज्य को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. राज्य में लगातार दूसरे दिन शनिवार को हिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान करीब पांच ट्रेनों एवं तीन रेलवे स्टेशनों को आग के हवाले कर दिया गया और कम से कम 25 बसें भी फूंक दी गयीं. करोड़ों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति या तो नष्ट कर दी गयीं या भीड़ द्वारा लूट ली गयीं. मुर्शिदाबाद जिले के कृष्णपुर स्टेशन पर कई खाली ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया.
इसके अलावा लालगोला स्टेशन पर रेल पटरियों पर तोड़फोड़ की गयी. प्रदर्शनकारियों ने मुर्शिदाबाद के सुजनीपारा स्टेशन पर भी तोड़फोड़ की और पड़ोसी मालदा जिले में हरिशचंद्रपुर में रेल पटरियों पर आगजनी की. हावड़ा के डोमजूर थाना अंतर्गत गरफा मोड़ पर प्रदर्शनकारियों ने एक-एक कर 25 बसों को आग के हवाले कर दिया. ट्रैफिक बूथ में भी आग लगा दी गयी. पुलिस पर जमकर पत्थर फेंके गये. प्रदर्शनकारियों ने बेखौफ हवाई फायरिंग भी की. पूरा इलाका रणक्षेत्र में बदल गया. घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस पहुंची. रैफ और काम्बैट फोर्स को भी उतारा गया, लेकिन प्रदर्शनकारियों के सामने पूरी पुलिस फोर्स बौनी साबित हुई.
पथराव में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गये. चार घंटे से अधिक समय तक कोना एक्सप्रेस-वे पूरी तरह बंद रहा. वहीं, लोगों के उग्र प्रदर्शन के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे अंतर्गत हावड़ा-खड़गपुर शाखा में ट्रेन सेवा पूरी तरह ठप हो गयी. हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सांकराइल, नलपुर, बाउड़िया व चेंगाइल स्टेशन पर तोड़फोड़ की. प्रदर्शन के कारण 16 मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द किया गया.
घटना को जानिए: शनिवार सुबह प्रदर्शनकारियों का एक दल डोमजूर थाना अंतर्गत छह नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग के सलप मोड़ पहुंचा और रास्ता जाम कर दिया. मौके पर पुलिस पहुंची और प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया. हालांकि कुछ देर बाद काफी संख्या में प्रदर्शनकारी गरफा मोड़ पहुंचे व पथावरोध कर दिया. पुलिस गरफा मोड़ पहुंची. पुलिस को देखते ही प्रदर्शनकारी भड़क उठे. पुलिस को लक्ष्य कर जमकर पत्थरबाजी की गयी. जबाव में पुलिस ने आंसू के गोले गैस छोड़े. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने गरफा मोड़ के पास एक-एक करके 25 बसों में आग लगा दी. बस से यात्रियों को निकाल कर उसमें आग लगा दी गयी. यात्रियों के बीच दहशत का माहौल हो गया. यात्री जान बचाने के लिए भागते नजर आये.