पुणे। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए "ऑपरेशन सिंदूर" में सेना ने अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया। हालांकि, कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता गोपालदादा तिवारी ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया है कि वह इस सैन्य अभियान की आड़ में राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही है, जो अत्यंत निंदनीय है।
तिवारी ने सवाल उठाया कि ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान की कार्रवाई से शहीद हुए आठ भारतीय जवानों और नागरिकों की विधवाओं के सिंदूर का बदला मोदी सरकार कब और कैसे लेगी? उन्होंने कहा कि इस पर भाजपा को देश को स्पष्ट जानकारी देनी चाहिए।
गोपालदादा तिवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सेना की वीरता को राजनीतिक रंग देने के लिए महाराष्ट्र में जल्दबाजी में "विजयी तिरंगा यात्रा" शुरू की, जबकि शहीद हुए आठ जवानों में से सात महाराष्ट्र से हैं। भाजपा को कम से कम इसका संज्ञान लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को हालात की गंभीरता का तनिक भी अंदाजा नहीं है और वे आगामी मनपा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद कांग्रेस समेत समस्त विपक्ष ने सरकार को पूर्ण समर्थन दिया और भारतीय सेना को कार्रवाई की पूरी छूट मिली। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला कर उन्हें नष्ट किया, जो देश के लिए गौरव का विषय है। लेकिन सेना की इस सफलता को भाजपा द्वारा राजनैतिक हथियार के रूप में उपयोग करना अनुचित है।
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय सेना ने जिम्मेदारी के साथ कार्रवाई की और किसी भी पाकिस्तानी नागरिक क्षेत्र को निशाना नहीं बनाया। जबकि पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में पंजाब, राजस्थान और कश्मीर के नागरिक इलाकों पर ड्रोन और मिसाइल से हमले किए, जिसकी कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है।
ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए महाराष्ट्र के जवान:
सुरेशकुमार रामनाथ यादव
सुरेश माणिकराव शिंदे
सागर गंगाराम पाटील
सुरज कुमार रामसहाय यादव (सभी – खुटेफळ, अक्कलकुवा, नंदुरबार)
सचिन यादव वंजे (तमलुर, देगलूर, नांदेड)
सुनील पंडित चौधरी (माहूर, नांदेड)
मुरली श्रीराम नाईक (कामराजनगर, घाटकोपर, मुंबई)
झंटू अली शेख (पश्चिम बंगाल)
तिवारी ने राज्य सरकार से भी सवाल पूछा कि इन शहीद जवानों के परिवारों के लिए वह क्या कदम उठाने जा रही है? उन्होंने मांग की कि सरकार को इस पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए।